VIDEO - Nag Missile Final Trial : भारत ने नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक किया अंतिम परीक्षण

यह लेटेस्‍ट मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। इसमें इंफ्रारेड भी है जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है। इसके बाद नाग अचानक ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर उसकी ओर चल देती है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 08:29 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:54 PM (IST)
VIDEO - Nag Missile Final Trial : भारत ने नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफलतापूर्वक किया अंतिम परीक्षण
कई खूबियों के अलावा इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत ने आज डीआरडीओ द्वारा विकसित नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (Nag Anti-Tank Guided Missile) का अंतिम परीक्षण एक वारहेड के साथ सफलतापूर्वक किया। परीक्षण सुबह 6:45 बजे राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में किया गया। बता दें कि यह लेटेस्‍ट मिसाइल बड़े टैंक्स को भी किसी भी मौसम में निशाना बना सकती है। कई खूबियों के अलावा इसमें इंफ्रारेड भी है, जो लॉन्च से पहले टारगेट को लॉक करता है। इसके बाद नाग अचानक ऊपर उठती है और फिर तेजी से टारगेट के एंगल पर मुड़कर उसकी ओर चल देती है। लक्ष्‍य भेदने की इसकी क्षमता काफी सटीक है।

भारत इस समय कई क्षेत्रों में आत्‍मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है। इनमें रक्षा क्षेत्र भी शामिल है। पिछले दिनों रक्षामंत्री ने कहा था कि हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की पूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि जरूरत के समय अन्य लोगों की मदद करने में भी सक्षम होना चाहिए। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

#WATCH: The successful final trial of Nag anti-tank guided missile conducted earlier today at Pokhran field firing ranges in Rajasthan.

The missile is now ready for induction into the armed forces. pic.twitter.com/lsExIBbefR

— ANI (@ANI) October 22, 2020

बता दें कि इन दिनों पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की सेना डटी हुई है। ऐसे में नाग मिसाइल का सफल परीक्षण भारत के लिए अच्‍छे संकेत हैं। सीमा पार जारी तनाव के बीच इन मिसाइलों का परीक्षण खासा अहम माना जा रहा है। हाल ही में, डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि संस्थान सेना के लिए स्वदेशी मिसाइलों को तैयार में जुटा हुआ है, ताकि मिसाइल क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। 

बता दें कि इससे पहले भी नाग मिसाइल के कई अन्य ट्रायल हो चुके हैं। हर बात कुछ नया इसमें जोड़ा जाता रहा है। साल 2017, 2018 और 2019 में अलग-अलग तरीके की नाग मिसाइलों का परीक्षण हो चुका है। ये वजन में काफी हल्की होती है, लेकिन इसके बावजूद दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को सेकेंडों में समाप्त कर सकती है।

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