जम्मू कश्मीर पर ओआइसी के बयान को भारत ने कड़ाई से किया खारिज, देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी न करने की हिदायत

जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआइसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है। यह दोहराया जाता है कि ओआइसी महा सचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थो को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 05:24 AM (IST)
जम्मू कश्मीर पर ओआइसी के बयान को भारत ने कड़ाई से किया खारिज, देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी न करने की हिदायत
ओआइसी को निहित स्वार्थो को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआइसी) द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को गुरुवार को कड़ाई से खारिज किया और मुस्लिम देशों के संगठन से कहा कि उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थो को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की दूसरी वर्षगांठ पर ओआइसी के महा सचिवालय द्वारा जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पणियां की हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर ओआइसी के महा सचिवालय द्वारा जारी एक और अस्वीकार्य संदर्भ को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।

पत्रकारों से बातचीत में बागची ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में ओआइसी को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है। यह दोहराया जाता है कि ओआइसी महा सचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थो को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।

केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को पांच अगस्त 2019 को रद कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।

ओआइसी महासचिवालय ने एक बयान में इन सभी कदमों रद करने की मांग की है। ओआइसी महासचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिर से आह्वान किया है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के मुताबिक जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए उसके प्रयासों को तेज किया जाए। ओआइसी मुस्लिम बहुल राष्ट्रों का समूह है।

आतंकवाद रोधी उपायों पर हस्ताक्षर कार्यक्रम आयोजित कर रहा भारत

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी उपायों और शांतिरक्षक अभियानों पर जोर देते हुए हस्ताक्षर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ अगस्त को यूएनएससी में समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा की वर्चुअल अध्यक्षता करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी अध्यक्षता के तहत, हम अपने चुने हुए तीन मुख्य विषयों समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षक अभियान और आतंकवाद रोधी उपाय पर हस्ताक्षर कार्यक्रम चला रहे हैं।

बागची ने कहा कि यह पहला मौका होगा जब एक भारतीय प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

उन्होंने कहा कि अन्य दो मुख्य क्षेत्रों पर, हमारी योजना विदेश मंत्री की अध्यक्षता में सामान्य बैठक करने की है। भारत एक जनवरी से दो साल के लिए यूएनएससी का अस्थायी सदस्य है। अस्थायी सदस्य के तौर पर यूएनएससी में भारत का यह सातवां कार्यकाल है।

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