इस साल वैश्विक भुखमरी सूचकांक में सात स्थान फिसला भारत, बांग्लादेश-पाक और नेपाल भी हैं आगे

वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 ने भारत को 116 देशों में से 101वां स्थान दिया है। 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर था। 2021 की रैंकिंग के अनुसार पाकिस्तान बांग्लादेश और नेपाल ने भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 08:07 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 08:07 AM (IST)
इस साल वैश्विक भुखमरी सूचकांक में सात स्थान फिसला भारत, बांग्लादेश-पाक और नेपाल भी हैं आगे
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में 101वें नंबर पर पहुंचा भारत।(फोटो: प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली, प्रेट्र। वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआइ) में भारत सात स्थान और फिसल गया है। 116 देशों को लेकर जारी किए गए 2021 के सूचकांक में भारत 101वें स्थान पर रहा है। पिछले साल 107 देशों में से भारत 94वें स्थान पर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लाकडाउन से भारत में बड़ी आबादी प्रभावित हुई।चीन, ब्राजील और कुवैत समेत 18 देश टाप रैंक पर रहे हैं। इस रिपोर्ट में पोषण की कमी, लंबाई के हिसाब से बच्चों का कम वजन, उम्र के हिसाब से बच्चों की कम लंबाई और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर जैसे चार मानकों पर देशों के प्रदर्शन को आंका गया।

लंबाई के हिसाब से कम वजन वाले बच्चों के मामले में भारत का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। अन्य तीनों मानकों पर भारत के प्रदर्शन में सुधार देखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भुखमरी के खिलाफ लड़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा अनुमान के मुताबिक, 47 देश 2030 तक भुखमरी से मुक्ति के लक्ष्य से पीछे रह जाएंगे। 2021 में इस सूचकांक में नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) की स्थिति भारत से बेहतर रही है।

पाकिस्तान समेत इन देशों का भारत से बेहतर प्रदर्शन

वैश्विक भुखमरी सूचकांक (जीएचआइ) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी भुखमरी को लेकर चिंताजनक स्थिति में हैं लेकिन भारत की तुलना में ये सभी अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने को लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 और महामारी संबंधी प्रतिबंधों की वजह से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहां दुनिया भर में बच्चों की वेस्टिंग की दर सबसे ज्यादा है।

कई पैरामीटरों पर भारत ने किया है सुधार

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 1998 और 2002 के बीच 17.1 प्रतिशत से बढ़कर 2016 और 2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अन्य पैरामीटरों में सुधार दिखाया है जैसे कि बाल मृत्यु दर, बाल स्टंटिंग की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता।

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