ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी को भारत तैयार, चीन व रूस भी होंगे शामिल, जानें क्‍या है BRICS

ब्रिक्स में ब्राजील रूस भारत चीन व दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।आधिकारिक बयान के अनुसार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का संचालन देश की सबसे बड़ी ऊर्जा उत्पादक और दुनिया की बड़ी कंपनियों शुमार नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड करेगी।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:21 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 09:16 PM (IST)
ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी को भारत तैयार, चीन व रूस भी होंगे शामिल, जानें क्‍या है BRICS
ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी को भारत तैयार। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। ब्रिक्स देशों के सहयोग से ग्रीन हाइड्रोजन पहल पर 22 व 23 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत तैयार है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।आधिकारिक बयान के अनुसार, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का संचालन देश की सबसे बड़ी ऊर्जा उत्पादक और दुनिया की बड़ी कंपनियों शुमार नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड करेगी।

हाइड्रोजन के उपयोग और उनकी भविष्य की योजनाओं पर होंगी चर्चा

सम्मलेन के पहले दिन प्रत्येक राष्ट्र के प्रतिनिधि हाइड्रोजन के उपयोग और उनकी भविष्य की योजनाओं पर देश की तरफ से की गई पहल को साझा करेंगे। कार्यक्रम के वक्ता हाइड्रोजन पर विकसित विभिन्न तकनीकों की प्रासंगिकता तथा अपने देश के लिए इनकी प्राथमिकताओं को भी साझा करेंगे। दूसरे दिन विभिन्न देशों द्वारा समग्र ऊर्जा नीति ढांचे में हाइड्रोजन को एकीकृत करने के विचारों पर पैनल चर्चा होगी। बता दें कि अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन के रूप में जाना जाता है। इसमें कार्बन का कोई अंश नहीं होता है।

कहां से आया ब्रिक्स शब्‍द

वर्ष 2001 में इनवेस्ट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्लोबल इकोनॉमी पेपर में ब्रिक्स का एक साथ शब्द के तौर पर इस्तेमाल किया था। उस पेपर का नाम था ‘द वर्ल्ड नीड्स बेटर इकनॉमी ब्रिक्स’। इससे यह अनुमान लगाया जाने लगा कि आने वाले समय में ब्राजील, रूस, भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का सामूहिक तौर से विश्व के इकोनॉमी सेक्टर पर नियंत्रण होगा। यह भी कहा गया कि अगले 50 वर्षों में यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगी।

ब्रिक्स से BRICS तक का सफर

जुलाई, 2006 में G-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के मौके पर रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक में यह ग्रुप बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। सितंबर, 2006 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर ब्राजील, रूस, भारत और चीन यानी ब्रिक्स ग्रुप के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हुई और इसे फॉर्मल ग्रुप बनाया गया। BRIC का पहला शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग शहर में 16 जून, 2009 को हुआ। साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका को इस ग्रुप में शामिल किया गया। इसके बाद BRIC ग्रुप साउथ अफ्रीका (S) जुड़ने के बाद BRICS बन गया। भारत ने 2012 और 2016 में BRICS सम्मेलन की मेजबानी की है।

प्रमुख मुद्दों पर होती रहती है बैठक

इन पांच देशों के आर्थिक मुद्दों से शुरुआत करते हुए ब्रिक्स का एजेंडा साल दर साल बढ़ा है। इसमें हर साल वैश्विक मुद्दे शामिल किए गए। इन देशों के प्रमुखों की मीटिंग से इतर वित्त, व्यापार, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मंत्रियों के साथ भी बैठकें होती रहती हैं।

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