LAC में तनाव के बीच भारत ने सड़क निर्माण में बढ़ाई तेजी, कहा- चीन की आपत्ति से हमें कोई लेना-देना नहीं
सीमा सड़क संगठन के अधिकारी बी किशन ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को चीन की आपत्तियों से कोई लेना-देना नहीं है।
लद्दाख, एएनआइ। एलएसी में तनाव के बीच भारत लद्दाख सेक्टर में सड़क निर्माण का काम तेजी से कर रहा है।सीमा के नजदीक सड़क निर्माण को लेकर चीन ने पूर्व में आपत्ति जताई थी। वहीं, अब भारत की ओर से इस मुद्दे पर अहम बयान आया है। सीमा सड़क संगठन के अधिकारी बी किशन ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को चीन की आपत्तियों से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि हमें जो भी काम दिया जाता है, हम वो करते हैं।
“Border Roads Organisation (BRO) has nothing to do with objections as we do whatever assignment is given to us,” says BRO Executive Engineer B Kishan when asked about frequent Chinese objections to road construction activities in Ladakh sector https://t.co/jEQk2NUbv3" rel="nofollow pic.twitter.com/ox8wUG5qUz — ANI (@ANI) July 6, 2020
15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी। जिसके बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा में दोनों देशों के बीच तनाव का माहोल बना हुआ है।
तनाव के बीच भारत ने सीमा पर भेजे 30,000 सैनिक
दोनों देशों के तनाव के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने लगभग 30,000 जवानों को लद्दाख में तैनात किया गया है। पिछले महीने दोनों दशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड की तैनाती की है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने आइएएनएस को बताया कि सामान्य तौर पर छह ब्रिगेड, यानी दो डिवीजनों को लद्दाख में एलएसी पर रखा जाता है। यहां पर सैनिकों को रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाता है।
15 जून की हिंसक झड़प के बाद सेना ने तीन अतिरिक्त ब्रिगेड को तैनात किया है। हर ब्रिगेड में लगभग 3,000 सैनिक और सहायक होते हैं। चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में एक कमांडर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे और 70 से अधिक सैनिक घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से तीन अतिरिक्त ब्रिगेड के लगभग 10,000 सैनिकों को लाया गया है। एलएसी पर अभी 14 कोर कमांड के तहत सेना की 3 डिविजन मौजूद है। यह भारत में सेना की सबसे बड़ी कोर है, जिसे 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान स्थापित किया गया था।