भारत के पास है विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन, PM मोदी भी रह चुके हैं सदस्य

भारत में पांच साल तक इस वर्दीधारी युवा संगठन का प्रशिक्षण अनिवार्य रहा है। बाद में इसे स्वैच्छिक कर दिया गया। युवाओं में देश सेवा का जुनून पैदा करता है ये संगठन। कई फायदे हैं इसके।

By Amit SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Nov 2018 01:35 PM (IST) Updated:Sun, 25 Nov 2018 01:35 PM (IST)
भारत के पास है विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन, PM मोदी भी रह चुके हैं सदस्य
भारत के पास है विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन, PM मोदी भी रह चुके हैं सदस्य

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दुनिया के कई देशों में सभी महिलाओं और पुरुष नागरिकों के लिए कुछ समय की सैन्य सेवा अनिवार्य है। इसमें यूक्रेन, लिथुआनिया, फिनलैंड, नॉर्वे, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, इस्राइल, उत्तर कोरिया, ताइवान, ईरान, अल्जीरिया, तुर्की, रूस व चीन आदि शामिल हैं। भारत में भी अनिवार्य सैन्य सेवाओं को लेकर अक्सर बहस होती रहती है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन है। इन्हें न केवल सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि इसके बदले इन युवाओं को कई तरह के लाभ भी दिए जाते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस वर्दीधारी युवा संगठन के सदस्य रह चुके हैं।

यहां हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की। इसकी स्थापना 16 अप्रैल 1948 को हुई थी। प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के चौथे रविवार को एनसीसी का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। एनसीसी एक भारतीय सैन्य कैडेट कोर है, जिसमें स्वैच्छिक आधार पर स्कूल व कॉलेज के छात्रों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है।

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने मार्च 2018 में NCC को और अधिक सशक्त बनाने की बात कही थी। साफ है कि सरकार युवाओं में एनसीसी को और लोकप्रिय बनाना चाहती है। कर्नल गोपाल गुरुनाथ बेवूर को 31 मार्च 1948 को राष्ट्रीय कैडेट कोर का पहला निदेशक बनाया गया। इसके वर्तमान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल बीएस सहरावत हैं। ‘एकता और अनुशासन’ एनसीसी का आदर्श वाक्य है। देश के युवाओं को संवारने में लगे हुए सेना, नौसेना और वायु सेना का एक त्रिकोणीय सेवा संगठन है। इसीलिए NCC के झंडे में तीन रंग होते हैं जो तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं। लाल आर्मी के लिए, गहरा नीला नेवी के लिए और हल्का नीला वायुसेना के लिए। झंडे की तरह ही एनसीसी की वर्दी भी तीन रंग की होती है। खाकी वर्दी थलसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं। हल्की नीली वर्दी वायुसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं। सफेद वर्दी नौसेना का प्रशिक्षण लेने वाले कैडेट्स पहनते हैं।

जर्मनी से हुई थी एनसीसी की शुरूआत

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) सबसे पहले जर्मनी में 1866 में शुरू हुई थी। भारत में इसकी स्थापना 16 अप्रैल 1948 को हुई थी। इसे इंडियन डिफ़ेंस एक्ट 1917 के तहत बनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य आपातकाल में पूर्व प्रशिक्षित युवाओं के जरिए सैनिकों की कमी से निपटना है। NCC का उद्देश्य युवाओं में चरित्र और मिल-जुलकर काम करने की क्षमता का विकास करना भी है। इसके अलावा NCC युवाओं में नेतृत्व क्षमता और सेवा की भावना भी विकसित करती है।

पांच साल तक अनिवार्य रहा एनसीसी का प्रशिक्षण

साल 1948 में ही इसका गर्ल्स डिविज़न भी बना दिया गया था, ताकि स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को भी बराबरी का मौक़ा मिले। साल 1950 में एनसीसी की एयर विंग और 1952 में नेवल विंग बनी। साल 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद साल 1963 में NCC ट्रेनिंग को अनिवार्य बनाया गया, लेकिन 1968 में एक बार फिर इसे स्वैच्छिक कर दिया गया। NDA और IMA की ही तरह लड़कियों को भी NCC ज्वाइन करने की स्वतंत्रता है। उन्हें भी लड़कों की तरह ही ट्रेनिंग दी जाती है। महिलाओं के लिए अलग रेजिमेंट है जिसे होल टाइम लेडी ऑफिसर कहा जाता है।

मोदी भी रहे हैं एनसीसी कैडेट

भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर के माध्यम से स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को स्वैच्छिक रूप से बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान इन्हें छोटे हथियार चलाने का भी प्रशिक्षण मिलता है। वर्ष 1948 में जब एनसीसी की शुरूआत हुई थी तो इसमें केवल 20 हजार कैडेट्स ही थे। आज पूरे देश में एनसीसी के तकरीबन 13 लाख कैडेट्स हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी NCC कैडेट्स रह चुके हैं।

1965 के भारत-पाक युद्ध में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

वर्ष 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के युद्ध में NCC के कैडेट ने देश के अंदर सुरक्षा की दूसरी क़तार के रूप में काम किया था। एनसीसी कैडेट्स ने देश के आयुध कारखानों की मदद के लिए कैंप बनाए थे। युद्ध क्षेत्र में हथियार पहुंचाने में सहायता दी और पेट्रोल पार्टी की तरह भी उनका इस्तेमाल किया गया था। यूपी का ‘एन.सी.सी. निदेशालय’ 1.19 लाख कैडेट् के साथ देश के सबसे बड़े निदेशालयों में से एक है।

एनसीसी कैडेट्स को मिलने वाले लाभ

1. राज्य और केंद्र सरकारी की नौकरियों में एनसीसी कैडेट्स को प्राथमिकता दी जाती है।

2. NCC के ए, बी व सी प्रमाण पत्र पर दाखिले व नौकरी में अतिरिक्त अंक भी मिलते हैं।

3. सी सर्टिफिकेट प्राप्त कैडेट को NDA और CDS के जरिए सेना में अधिकारी बनने के लिए छूट मिलती है।

4. सी प्रमाण पत्र वाले कैडेट को शॉर्ट सर्विस कमीशन (CDS) में लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ती है।

5. सशस्त्र बलों और पैरामिलिट्री फोर्सेज में भी सी प्रमाण पत्र धारक को नौकरी में विशेष छूट दी जाती है।

6. बहुत सी निजी कंपनियां व इकाईयां भी एनसीसी प्रमाण पत्र धारक को नौकरी में प्राथमिकता देते हैं।

7. प्रत्येक वर्ष एनसीसी दक्षिण पूर्व एशिया के 12 देशों के साथ चलने वाले यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत चुनिंदा कैडेट्स को विदेश भेजती है।

8. चुनिंदा कैडेट्स को हर साल राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका मिलता है।

एनसीसी से जुड़े अन्य तथ्य

1. देश में एनसीसी के कुल 17 निदेशालय हैं। सभी को एनसीसी के झंडे पर कमल के फूल द्वारा दर्शाया गया है।

2. दिल्ली में वर्ष 2017 के गणतंत्र दिवस परेड प्रतियोगिता में एनसीसी को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था।

3. देश में एनसीसी की कुल 788 यूनिट हैं। इनमें 667 थल सेना, 60 नौ सेना की और 61 वायु सेना की है।

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