कोरोना काल में विदेशों से लगातार मिल रही मदद, अब तक रेमडेसिविर की 5.3 लाख वायल प्राप्त

महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर से मदद के हाथ बढ़े हैं। मंत्रालय ने 27 अप्रैल से 15 मई तक मिली मदद का ब्योरा दिया है। अब तक 7365 वेंटिलेटर/बाई पैप भी मिले हैं। मंत्रालय ने बताया कि 14-15 मई को ज्यादातर कंसाइनमेंट जापान स्विट्जरलैंड कनाडा और अमेरिका से आए।

By Neel RajputEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 08:44 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 08:44 AM (IST)
कोरोना काल में विदेशों से लगातार मिल रही मदद, अब तक रेमडेसिविर की 5.3 लाख वायल प्राप्त
विदेश से मिली रेमडेसिविर की 5.3 लाख वायल

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना काल में विदेश से मदद के तौर पर रेमडेसिविर की 5.3 लाख वायल, 11058 आक्सीजन कंसंट्रेटर्स, 13496 आक्सीजन सिलेंडर और 19 आक्सीजन जनरेशन प्लांट प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने बताया कि राज्यों तक इनकी तेज आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर से मदद के हाथ बढ़े हैं। मंत्रालय ने 27 अप्रैल से 15 मई तक मिली मदद का ब्योरा दिया है। अब तक 7,365 वेंटिलेटर/बाई पैप भी मिले हैं। मंत्रालय ने बताया कि 14-15 मई को ज्यादातर कंसाइनमेंट जापान, स्विट्जरलैंड, कनाडा और अमेरिका से आए।

राज्यों को दी गईं रेमडेसिविर की 4.9 लाख शीशियां

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी कि 27 अप्रैल से 13 मई के बीच 4.9 लाख रेमडेसिविर की शीशियां राज्यों को दी गई हैं। मंत्रालय ने कहा कि 10,953 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 13,169 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और वैश्विक सहायता के रूप में प्राप्त 4.9 लाख रेमडेसिविर शीशियों को 27 अप्रैल से 13 मई के बीच विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया है। बताया गया कि 13 और 14 मई को अमेरिका, इटली, कनाडा, दक्षिण कोरिया, ओमान, यूके और जापान से प्राप्त प्रमुख खेपों में 157 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 900 ऑक्सीजन सिलेंडर और 338 वेंटिलेटर/बीआईपीएपी/सीपीएपी शामिल हैं।

मंत्रालय के मुताबिक, 13 और 14 मई को इन देशों से रेमडेसिविर की 68,810 शीशियां और टोसिलिजुमैब की 1,000 यूनिट भी प्राप्त हुई थीं। बताया गया कि 10,953 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 13,169 ऑक्सीजन सिलेंडर, 19 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, 6,835 वेंटिलेटर या बीआईपीएपी और लगभग 4.9 लाख रेमेडिसविर शीशियों को 27 अप्रैल से 13 मई तक सड़क और वायु के माध्यम से राज्यों में भेजा गया।

chat bot
आपका साथी