Video : चीन को करारा जवाब देने के लिए तैयार भारत, सेना ने एलएसी पर तैनात किए Pinaka और Smerch

भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए चीन सीमा के पास फारवर्ड पोजिशन पर पिनाका और स्मर्च मल्टीपल राकेट लांचर सिस्टम को तैनात किया है। पढ़ें यह रिपोर्ट ...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 04:25 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:41 PM (IST)
Video : चीन को करारा जवाब देने के लिए तैयार भारत, सेना ने एलएसी पर तैनात किए Pinaka और Smerch
अब पर्वोत्‍तर में भी एलएसी पर चीन की आक्रामकता का करारा जवाब देने की तैयारी है।

गुवाहाटी, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख और उत्तराखंड के बाद अब पूर्वोत्‍तर में भी एलएसी पर चीन की आक्रामकता का करारा जवाब देने की तैयारी है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए चीन सीमा के पास फारवर्ड पोजिशन पर पिनाक और स्मर्च मल्टीपल राकेट लांचर सिस्टम को तैनात किया है। हाल ही में सेना ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर अपनी तैनाती बढ़ाई थी। पूर्वी लद्दाख में भी सेना की ओर से भारी हथियारों को तैनात किया जा चुका है।

#WATCH Indian Army displays Pinaka & Smerch multiple rocket launcher systems in Assam pic.twitter.com/6FkiRHbApb— ANI (@ANI) October 22, 2021

44 सेकंड में 72 राकेट फायर करने की क्षमता

पिनाक हथियार प्रणाली एक स्‍वायत्‍त राकेट आर्टिलरी सिस्‍टम है। औसत समुद्र तल पर यह 38 किलोमीटर तक अपने लक्ष्य को भेद सकती है लेकिन इतनी ऊंचाई पर इसकी मारक क्षमता और बढ़ जाती है। ऊंचाई वाले सीमाई क्षेत्र में ऐसी तैनाती का मकसद सेना की आपरेशनल क्षमताओं को मजबूती देना है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पिनाक के छह लांचरों की एक बैटरी 44 सेकंड में 72 राकेटों का सैल्वो फायर कर सकती है। इससे 1000 x 800 मीटर के दायरे को निष्‍कृय कर सकती है।

डीआरडीओ ने किया है डिजाइन

इस हथियार प्रणाली की तैनाती के बारे में बात करते हुए बैटरी कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल सरथ ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पिनाक हथियार प्रणाली रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन किया गया स्वदेशी मल्टी राकेट लॉन्चर सिस्टम है। यह अत्याधुनिक और पूरी तरह से स्वायत्त हथियार प्रणाली है। यह समुद्र तल से 38 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। ऊंचाई पर इसकी मारक क्षमता और कारगर हो जाती है। इसकी तैनाती से सेना की स्‍ट्राइक क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है।

भारी गोलाबारी करने में सक्षम

भारत की मारक क्षमता में पिनाक और स्मर्च के योगदान के बारे में बताते हुए कर्नल सरथ ने कहा कि यह हथियार प्रणाली त्वरित प्रतिक्रिया और बेहद कम समय में महत्वपूर्ण और उच्च सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों पर भारी गोलाबारी करने में सक्षम है। स्‍मर्च हथियार प्रणाली सेना की सबसे लंबी दूरी की पारंपरिक राकेट प्रणाली है, जिसकी अधिकतम मारक क्षमता 90 किलोमीटर तक है। इसकी चार लांचरों की एक बैटरी महज 40 सेकंड में 48 राकेटों का सैल्वो फायर कर सकती है। यह 1200 मीटर तक के क्षेत्र में सब कुछ ध्‍वस्‍त कर देती है।

बढ़ जाएगी सेना की मारक क्षमता

इसका नाम भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर रखा गया है। इन दोनों हथियार प्रणालियों (पिनाक और स्मर्च) को दुश्‍मन पर विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद को फायर करने के लिए डिजाइन किया गया है। पिनाक के उन्नत संस्करण का भी उत्पादन किया जा रहा है जिसकी मारक क्षमता 75 किलोमीटर तक होगी। इससे सेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। हाल ही में भारतीय सेना ने चीन से लगी सीमाओं पर दूसरे घातक हथियारों को भी तैनात किया है।

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