भारत, चीन के बीच सैनिकों को हटाने पर नहीं टूटा गतिरोध, 11वें दौर की वार्ता में नई घटनाओं से बचने पर बनी सहमति
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध का हल निकालने के लिए भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता फिलहाल किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे समय से जारी सैन्य गतिरोध का हल निकालने के लिए भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की 11वें दौर की वार्ता फिलहाल किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। एलएसी के बाकी मोर्चो से सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर कायम गतिरोध के बावजूद दोनों देशों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ टकराव की नई घटनाओं से बचने पर सहमति जरूर जताई है।
13 घंटे से ज्यादा देर चली वार्ता
भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच एलएसी पर जारी सैन्य गतिरोध का समाधान निकालने के लिए शुक्रवार को लद्दाख की चुशूल-मोल्डो सीमा पर 13 घंटे से भी ज्यादा लंबी बातचीत हुई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत के निष्कर्षों को लेकर शनिवार को एक बयान जारी किया।
सैनिकों की वापसी पर नहीं बनी सहमति
इस बयान में गोगरा, डेपसांग और हॉट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों की वापसी को लेकर कायम गतिरोध का जिक्र किए बिना कहा गया है कि दोनों पक्ष बाकी बचे मुद्दों का तेजी से हल निकालने पर सहमत हैं लेकिन पूर्वी लद्दाख के इन इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने के बारे में कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है। बयान का संकेत साफ है कि दोनों देश अभी सैनिकों की वापसी के तौर-तरीकों पर सहमत नहीं हो पाए हैं।
तनाव और न बढ़े इसको लेकर गंभीर
हालांकि, एलएसी पर तनाव और न बढ़े इसको लेकर दोनों देश गंभीर हैं और विदेश मंत्रालय के बयान में भी इसका स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि कमांडर वार्ता के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी सहमति के अनुसार बातचीत जारी रखी जाए, ताकि बाकी बचे मुद्दों का जल्द ऐसा हल निकाला जा सके जो एक दूसरे को स्वीकार्य हो।
नहीं होना चाहिए टकराव
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों कमांडरों के बीच यह सहमति भी बनी कि दोनों तरफ से सीमा पर स्थायित्व और शांति बनाए रखी जाए ताकि किसी तरह की नई घटना न हो। लंबे अतंराल के बाद हुई 11वें दौर की कमांडर वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने विवाद के बाकी बचे मुद्दों से लेकर सैनिकों को हटाने के मुददे पर अपने अपने रुख को साझा किया।
रास्ता निकालने पर जताई सहमति
साथ ही दोनों देशों के बीच वर्तमान समझौतों और प्रोटोकाल के तहत पूर्वी लद्दाख में एलएसी के मोर्चों से सैनिकों की जल्द वापसी का रास्ता निकालने पर भी आपसी सहमति जताई। इस संदर्भ में भारत की ओर से चीन को साफ कहा गया कि विवाद के मोर्चों से सैनिकों की पूरी तरह से वापसी से ही मौजूदा तनातनी खत्म होगी और शांति व स्थायित्व सुनिश्चित होगा।
सैनिकों को पीछे हटाए बिना गतिरोध का हल नहीं
इतना ही नहीं भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि चीन के साथ उसके द्विपक्षीय रिश्तों की प्रगति भी इसी पर निर्भर है। मालूम हो कि पैंगोंग झील के इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने के बाद एलएसी के बाकी अग्रिम मोर्चों से चीन अपने सैनिकों की वापसी के मसले को लंबा खींच रहा है और भारत का साफ कहना है कि सैनिकों को पीछे हटाए बिना गतिरोध का हल नहीं निकल सकता।