India China Border Tension : बाज नहीं आ रहा चीन, भारत ने लंबे टकराव के लिए कसी कमर
शीर्ष सैन्य अफसरों के बीच आखिरी दौर की बातचीत में कोई संतोषजनक नतीजा नहीं निकलने पर भारत ने अपने सैनिकों को लंबे टकराव के लिए तैयार रहने को कह दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के वादे को भी वह पूरा नहीं कर रहा। सैनिकों की वापसी को लेकर शीर्ष सैन्य अफसरों के बीच आखिरी दौर की बातचीत में कोई संतोषजनक नतीजा नहीं निकलने पर भारत ने अपने सैनिकों को लंबे टकराव के लिए तैयार रहने को कह दिया है।
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक में दो अगस्त को दोनों देश की सेना के बीच हुई कोर कमांडर स्तर के पांचवें दौर की बातचीत के नतीजों की समीक्षा की गई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सेना प्रमुख ने सीमा पर हालात के बारे में जानकारी दी।
अपने रुख को हल्का नहीं करेगा भारत
पैंगोंग सो और डेपसांग से चीनी सैनिकों के हटने की आनाकानी को देखते हुए तीन महीने से चले आ रहे टकराव को खत्म करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया गया।सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग झील और डेपसांग इलाके से चीनी सैनिकों की वापसी को लेकर हुई बातचीत संतोषजनक नहीं रही। बैठक में यह तय किया गया कि भारत किसी भी सूरत में अपने रुख को हल्का नहीं करेगा। सीमा पर तनाव कम करने के लिए अगली रणनीति बनने तक सेना को क्षेत्र में लंबे समय तक बने रहने के लिए तैयारी करने को कहा गया है। बैठक में पश्चिमी लद्दाख से लेकर उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते अंदरूनी क्षेत्रों में चीन द्वारा अपनी सैन्य क्षमता को मजबूत करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
चीनी सेना ने आठ किमी के इलाकों से वापस हटने से मना कर दिया
खुफिया एजेंसियों ने भी यह जानकारी दी है कि चीन उत्तराखंड में लिपुलेख पास के नजदीक अपने सैनिक बढ़ा रहा है। रणनीतिक रूप से यह इलाके बहुत अहम है क्योंकि यहां भारत, नेपाल और चीन की सीमाएं मिलती हैं। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख में फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच के आठ किलोमीटर के इलाकों से वापस हटने से मना कर दिया है।
14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की बातचीत में इन दोनों इलाकों के साथ सभी टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने के अपने वादे पर भी चीन अमल नहीं कर रहा है। शीर्ष स्तर पर हुई बातचीत के बाद कुछ इलाकों से चीनी सैनिक वापस गए, लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में चीनी सैनिक बने हुए हैं। इसको देखते हुए भारत ने भी पूरी तैयारी कर रखी है। दो अगस्त को हुई बैठक में भारतीय पक्ष ने पीएलए को साफ तौर पर बता भी दिया था कि उसे हर हाल में सभी टकराव वाले क्षेत्रों से अपने सैनिकों को हटाना ही होगा।