यूरोप के साथ रिश्तों को नई दिशा देने में जुटा भारत: फ्रांस, जर्मनी व ब्रिटेन की यात्रा पर आज जाएंगे विदेश सचिव

ब्रेक्सिट को लेकर यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच तकरीबन सारे मामलों का समाधान हो चुका है और कोविड की मार भी धीमी पड़ने लगी है। ऐसे में भारत ने ब्रेक्सिट बाद के यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों को दिशा देने की कोशिश शुरू कर दी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 09:06 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 12:03 AM (IST)
यूरोप के साथ रिश्तों को नई दिशा देने में जुटा भारत: फ्रांस, जर्मनी व ब्रिटेन की यात्रा पर आज जाएंगे विदेश सचिव
विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला 29 अक्टूबर से फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले हैं।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ब्रेक्सिट को लेकर यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के बीच तकरीबन सारे मामलों का समाधान हो चुका है और कोविड की मार भी धीमी पड़ने लगी है। ऐसे में भारत ने ब्रेक्सिट बाद के यूरोपीय देशों के साथ अपने रिश्तों को दिशा देने की कोशिश शुरू कर दी है। बुधवार को जहां भारत और ब्रिटेन के वित्त मंत्रियों की अगुवाई में 10वीं आर्थिक व वित्तीय वार्ता आयोजित की गई। दूसरी तरफ विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला 29 अक्टूबर से फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा पर जाने वाले हैं। साफ है कि पहले चरण में भारत की मंशा यूरोप के अपने तीनों रणनीतिक साझेदार देशों के साथ रिश्तों की समीक्षा करने की है।

भारत व ब्रिटेन के वित्त मंत्रियों के बीच हुई आर्थिक व वित्तीय वार्ता

भारत व ब्रिटेन के बीच होने वाली आर्थिक व वित्तीय वार्ता (ईएफडी) में दोनो देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने संबंधी कई फैसले किये गये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के चांसलर (वित्त मंत्री के समकक्ष) ऋषि सुनक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी, आरबीआइ के दो डिप्टी गवर्नर उपस्थित थे जबकि दूसरी तरफ से बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर एंड्रयू बेली व फाइनेंसिल कंडक्ट अथॉरिटी के सीईओ निखिल राठी थे।

सुनक ने कहा- भारत के साथ आर्थिक संबंध जितने अभी हैं उतने कभी नहीं रहे

बैठक के बाद सुनक ने कहा भी कि भारत के साथ आर्थिक संबंध उतने महत्वपूर्ण कभी नहीं रहे जितने की अभी हैं। दोनो देशों के बीच जो नए समझौते होंगे उससे निवेश बढ़ाने के साथ ही रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। हम मौजूदा महामारी के बाद ग्लोबल इकोनॉमी के सामान्य होने के बाद बेहतर संबंध बनाने के लिए साथ काम करने को प्रतिबद्ध हैं।

भारत व ब्रिटेन के बीच छह मुद्दों पर बनी सहमति

दोनों देशों के बीच बुधवार की बैठक में छह मुद्दों पर सहमति बनी है। जिसमें भारत में ढांचागत परियोजनाओं के लिए स्थापित इंडियन नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्धेश्य से एक नई साझेदारी स्थापित करना भी शामिल है। दोनों देशों की निजी कंपनियों को मिला कर एक नई पार्टनरशिप मंच बनाने का भी फैसला किया गया है। दोनों देशों के वित्तीय बाजारों में बेहतर सामंजस्य के लिए एक नई साझा व्यवस्था बनाने का भी फैसला किया गया है। वैसे दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर कुछ स्पष्ट तौर पर नहीं कहा गया है।

श्रृंगला यूरोप के तीन रणनीतिक साझेदार देशों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों और वैश्विक मुद्दों पर करेंगे वार्ता

उधर, विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि श्रृंगला यूरोप के तीन रणनीतिक साझेदार देशों की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रिश्तों के साथ ही एक दूसरे के हितों को प्रभावित करने वाले दूसरे वैश्विक मुद्दों पर भी बात करेंगे। यह भी कहा गया है कि इन तीन देशों की यात्रा के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हालात को लेकर भी बातचीत होगी। कोरोना की वजह से ब्रेक्सिट (यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने की प्रक्रिया) के बाद के यूरोपीय संघ के देशों के साथ भारत के रिश्तों में भी कई तरह के बदलाव आने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि कोरोना बाद के सप्लाई चेन को लेकर भी इस दौरे में गंभीरता से बात होगी।

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