साइबर अपराध की घटनाओं से बढ़ती जा रही साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग, बनाएं कैरियर

भारत में हाल-फिलहाल साइबर अपराध से जुड़ी छोटी-बड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं। इसे देखते हुए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग बढ़ गई है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 01:37 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 01:37 PM (IST)
साइबर अपराध की घटनाओं से बढ़ती जा रही साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग, बनाएं कैरियर
साइबर अपराध की घटनाओं से बढ़ती जा रही साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग, बनाएं कैरियर

नई दिल्ली [अंशु सिंह]। पढ़ाई करनी हो या डॉक्टर से परामर्श लेना हो, मनोरंजन या खरीददारी, सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है। कैश की जगह डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दी जा रही है। बैंक जाने की भी जरूरत नहीं, मोबाइल वॉलेट एवं एप से ही सारे लेन-देन निपटा दिए जा रहे हैं।

नि:संदेह इससे लाइफ आसान हो गई है,लेकिन इससे सिक्योरिटी का मसला भी उठ खड़ा हुआ है। भारत में हाल-फिलहाल साइबर अपराध से जुड़ी छोटी-बड़ी कई घटनाएं सामने आई हैं। इसे देखते हुए साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स की मांग बढ़ गई है...

कुछ समय पहले गुजरात स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की बिक्री को लेकर खबरें आई थीं। उसकी कीमत भी लगाई गई थी, करीब 4 बिलियन डॉलर। कहा गया था कि जो राशि इकट्ठा होगी, उसे राज्य सरकार को कोविड-19 के खिलाफ जंग में दान किया जाएगा। लेकिन इसके बाद गुजरात सरकार तत्काल हरकत में आई और उसने अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ एक केस दर्ज कराया।

समय रहते हालात को नियंत्रित कर लिया गया। लेकिन हर बार ऐसा हो, संभव नहीं। भारत पहले से ही दुनिया के उन शीर्ष 5 देशों में शामिल है, जहां साइबर अपराधियों ने पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा हमले किए हैं। हालिया रिपोर्ट्स को देखें, तो मार्च व अप्रैल महीने के बीच यहां साइबर क्राइम की दर में 86 फीसद तक इजाफा दर्ज किया गया। सबसे ज्यादा निशाने पर रहे देश के आम नागरिक, जिनके वॉलेट से लेकर पर्सनल डाटा तक में सेंध लगाई गई। 

क्या है साइबर अपराध?

साइबर अपराध को इलेक्ट्रॉनिक अपराध भी कहा जाता है, क्योंकि इसे अंजाम देने के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, हार्डवेयर, स्मार्ट डिवाइसेज, एटीएम मशीन, सीसीटीवी कैमरा, इंटरनेट, वेबसाइट आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें उपयोगकर्ता के व्यक्तिगत डाटा चोरी से लेकर, क्रेडिट कार्ड की धोखाधड़ी, एटीएम मशीन से फ्रॉड, फिशिंग, अवैध डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, गोपनीय, व्यावसायिक जानकारी व सरकारी डाटा हासिल करना शामिल है। इसके अलावा, गैरकानूनी तरीकों से हासिल की जाने वाली सूचनाओं को ऑनलाइन बेचना व खरीदना भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है। यहां तक कि सॉफ्टवेयर की चोरी भी साइबर अपराध का ही एक रूप है।

साइबर एक्सपर्ट्स की भूमिका

साइबर अपराध की रोकथाम के लिए जिन विशेषज्ञों की मदद ली जाती है, वे साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स कहे जाते हैं। वे कंप्यूटर, आइटी एवं साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित विशेषज्ञ होते हैं, जो विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों, सेना, मेडिकल व वित्तीय संस्थानों, निजी कंपनियों, कॉरपोरेट्स आदि द्वारा कंप्यूटर सिस्टम व अन्य उपकरणों में इकट्ठा किए जाने वाले डाटा को सुरक्षित रखने का काम करते हैं। जानकारों के अनुसार, साइबर सुरक्षा वह तकनीक है, जिससे ब्लैक हैट हैकर द्वारा किए जाने वाले हमलों से इंटरनेट नेटवर्क व हर प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को सुरक्षित रखा जा सकता है। 

शैक्षिक योग्यता

साइबर सिक्योरिटी कंपनी प्रिस्टीन इंफोसॉल्यूशंस के संस्थापक एवं एथिकल हैकिंग एक्सपर्ट रिजवान शेख बताते हैं, ‘वैसे तो तकनीकी पृष्ठभूमि वाले युवाओं के लिए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के अच्छे मौके हैं। स्टूडेंट्स कंप्यूटर इंजीनियरिंग, नेटवर्क इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, आइटी में बीटेक या बीई करने के अलावा इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, साइबर सिक्योरिटी में एमटेक करने के बाद इस फील्ड में प्रवेश कर सकते हैं।

लेकिन गैर-साइंस स्ट्रीम के युवा, जिन्हें साइबर स्पेस, एथिकल हैकिंग आदि में रुचि है, उनके लिए भी विकल्पों की कमी नहीं है।' रिजवान ने खुद साइंस से 12वीं करने के बाद आर्ट्स से ग्रेजुएशन किया है और आज वे एथिकल हैकिंग की ट्रेनिंग देने के साथ ही दुनियाभर की कंपनियों को इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी सर्विस उपलब्ध कराते हैं। 

संभावनाएं

आज बिजनेस, साइंटिफिक रिसर्च, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग एवं फाइनेंस आदि क्षेत्र से संबंधित तमाम कंपनियां व संस्थाएं, अपने गोपनीय डाटा व सूचनाओं को कंप्यूटर में ही स्टोर रखती हैं। ऐसे में जिन युवाओं को सॉफ्टवेयर, सर्वर, नेटवर्क एवं प्रोटोकॉल की गहरी समझ होती है और जो इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी व एथिकल हैकिंग के बारे में अच्छी तकनीकी जानकारी रखते हैं, वे इसमें करियर बना सकते हैं।

युवा बतौर सिक्योरिटी इंजीनियर, सिक्योरिटी आर्किटेक्ट, सिक्योरिटी एनालिस्ट भी काम कर सकते हैं। इसके साथ ही क्लाउड सिक्योरिटी एवं इंडस्ट्रियल सिस्टम की सुरक्षा में भी अवसर देख सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

जिगसॉ एकेडमी, बेंगलुरु

https://www.jigsawacademy.com/ 

प्रैक्सिस बिजनेस स्कूल, कोलकाता 

https://praxis.ac.in/ 

रेवा यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु 

https://reva.edu.in/ 

एमिटी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन 

https://amityonline.com/ 

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजीज, तिरुपति 

https://www.iidt.edu.in/courses.php 

शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन

https://shooliniuniversity.com/courses.php

सरकारी-निजी क्षेत्र में हैं ढेरों आकर्षक विकल्प

रिजवान शेख (एथिकल हैकिंग एक्सपर्ट एवं फाउंडर 'प्रिस्टीन इंफोसॉल्यूशंस') का कहना है कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक कैंडिडेट विविध वर्क प्रोफाइल्स पर काम कर सकते हैं। जैसे इन दिनों सर्टिफाइड हैकर्स, साइबर सिक्योरिटी ऑडिटर्स, वीएपीटी एक्सपर्ट्स, साइबर क्राइम इनवेस्टिगेशन ऑफिसर, लिटिगेशन ऑफिसर, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी एवं रिस्क असेसमेंट एक्सपर्ट्स की सरकारी व निजी क्षेत्र में काफी मांग है।

बैंक, पुलिस फोर्स द्वारा साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को हाथों-हाथ लिया जा रहा है। इसके अलावा, आज देश में कई साइबर सिक्योरिटी कंपनियां भी हैं, जो वीएपीटी (वल्नेरेबिलिटी असेसमेंट ऐंड पेनिट्रेशन टेस्टिंग) सर्विस के तहत ऑडिट सिक्योरिटी, सिक्योरिटी रिस्क असेसमेंट, साइबर फॉरेंसिक, पेनिट्रेशन टेस्टिंग एक्सपर्ट्स को नियुक्त करती हैं। वहां भी युवाओं के लिए पर्याप्त मौके हैं। पिछले 8 सालों में हमने अपनी संस्था में 30 हजार से अधिक युवाओं को ट्रेन किया है। उनका प्लेसमेंट रिकॉर्ड भी काफी अच्छा रहा है। 

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