गुजरात के हीरा कारोबारी के 23 ठिकानों का आयकर सर्वे, करोड़ों की बिना हिसाब वाली आय का पर्दाफाश

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार आयकर विभाग ने 22 सितंबर को जिन ठिकानों का सर्वे किया वे गुजरात के सूरत नवसारी मोरबी वांकानेर व महारष्ट्र के मुंबई में स्थित हैं। इस दौरान उसे बिना हिसाब वाले लेनदेन की काफी सूचनाएं हाथ लगीं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 10:54 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 11:03 PM (IST)
गुजरात के हीरा कारोबारी के 23 ठिकानों का आयकर सर्वे, करोड़ों की बिना हिसाब वाली आय का पर्दाफाश
1.95 करोड़ के गहने जब्त, लाकरों के इस्तेमाल पर लगाई गई रोक

नई दिल्ली, एएनआइ। आयकर विभाग ने गुजरात के एक प्रमुख हीरा कारोबारी के 23 ठिकानों का सर्वे किया। विभाग को समूह के करोड़ों रुपये की बिना हिसाब वाली आय का पता चला है। समूह के रियल एस्टेट कारोबार में 80 करोड़ व टाइल्स के कारोबार में 81 करोड़ रुपये की बिना हिसाब वाली आय की प्रारंभिक जानकारी सामने आई है। विभाग ने 1.95 करोड़ के गहने जब्त किए और 10.98 करोड़ रुपये के 8,900 कैरेट बेहिसाबी हीरे का पता लगाया। कई लाकरों की जानकारी भी सामने आई, जिनके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, आयकर विभाग ने 22 सितंबर को जिन ठिकानों का सर्वे किया वे गुजरात के सूरत, नवसारी, मोरबी, वांकानेर व महारष्ट्र के मुंबई में स्थित हैं। इस दौरान उसे बिना हिसाब वाले लेनदेन की काफी सूचनाएं हाथ लगीं। इनसे संबंधित डाटा सूरत, नवसारी व मुंबई में समूह के विश्वसनीय कर्मचारियों के पास गोपनीय तरीके से रखे गए थे। इनमें समूह की बिना हिसाब वाली खरीद-बिक्री, खरीद के बदले नकदी के समायोजन व इन बेहिसाबी आय का संपत्तियों की खरीद में निवेश आदि का ब्योरा शामिल है।

बिना हिसाब वाले 518 करोड़ रुपये के हीरों की खरीद-बिक्री की

जांच में पता चला कि समूह ने विगत वर्षो में बिना हिसाब वाले 518 करोड़ रुपये के छोटे पालिश किए हुए हीरों की खरीद-बिक्री की। 95 करोड़ रुपये के हीरे के स्क्रैप की बिक्री नकद में की और उसे आयकर प्रक्रिया में शामिल नहीं किया। मंत्रालय के अनुसार, 'समूह के खाते बताते हैं कि उसने पिछले वर्षो में करीब 2,742 करोड़ रुपये के छोटे हीरों की बिक्री की। इसके बदले जो खरीद हुई, उसके बड़े हिस्से का भुगतान नकद में किया गया। समूह ने पिछले दो वर्षो में 189 करोड़ की खरीद की, जबकि 1,040 करोड़ रुपये की बिक्री।'

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