आयकर विभाग ने पकड़ी लैपटाप फर्म की कर चोरी, 10 अक्टूबर को हुई थी छापेमारी

10 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र हरियाणा और बंगाल के स्थानों पर छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान मिले और जब्त किए गए सुबूतों से पता चलता है कि विदेशी मालवाहकों को इस तरह के कम चालान वाले सामान का भुगतान हवाला चैनलों के माध्यम से किया गया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 05:58 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 05:58 AM (IST)
आयकर विभाग ने पकड़ी लैपटाप फर्म की कर चोरी, 10 अक्टूबर को हुई थी छापेमारी
आयकर विभाग ने पकड़ी लैपटाप फर्म की कर चोरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

 नई दिल्ली, प्रेट्र। आयकर विभाग (Income Tax) ने हाल ही में लैपटाप और मोबाइल फोन के एक व्यापारी के प्रतिष्ठान पर छापेमारी के बाद आयात में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का पता लगाया है। यह जानकारी शनिवार को सीबीडीटी ने दी। उल्लेखनीय है कि  10 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा और बंगाल के स्थानों पर छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान मिले और जब्त किए गए सुबूतों से पता चलता है कि विदेशी मालवाहकों को इस तरह के कम चालान वाले सामान का भुगतान हवाला चैनलों के माध्यम से किया गया है।

कर विभाग के लिए नीति बनाने वाली संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान में कहा कि लगभग पूरा कारोबार इस तरह के तौर-तरीकों से चलता पाया गया। इस छापेमारी में 2.75 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। अनुमान के अनुसार लंबे समय से चल रही धांधली में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।

आयकर विभाग के अनुसार लैपटाप और मोबाइल फोन के एक फर्म पर छापेमारी में आयात बिल या चालान को कम कर दिखाने के मामले का पता लगाया। आयकर विभाग के लिए नीति बनाने वाली संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा,'तलाशी के दौरान मिले और जब्त किए गए सबूतों से पता चलता है कि विदेशी माल भेजने वालों को इस तरह के कम कर दिखाए गए बिलों का भुगतान हवाला के जरिए किया गया है।' उसने कहा कि छापेमारी में लगभग पूरा कारोबार इसी तरह की तौर-तरीकों से चलता पाया गया है। इस दौरान 2.75 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी भी जब्त की गई है।

कर अधिकारियों ने पाया कि इस व्यापार समूह ने मुखौटा कंपनियों के जरिये कम मूल्य दिखाकर आयात किया। जांच में यह तथ्य सामने आयात कि इस समूह ने तीन साल के दौरान सिर्फ 20 करोड़ रुपये का आयात दिखाया है जबकि इस अवधि के दौरान आयात का मूल्य 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।

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