शीर्ष आइएएस अधिकारियों समेत 44 के थे हनीट्रैप की आरोपितों से रिश्ते, जानिए-पूरा मामला

हनीट्रैप मामले में मध्यप्रदेश पुलिस पर रसूखदारों को बचाने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने को लेकर याचिका दायर की गई थी।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 09:00 PM (IST)
शीर्ष आइएएस अधिकारियों समेत 44 के थे हनीट्रैप की आरोपितों से रिश्ते, जानिए-पूरा मामला
शीर्ष आइएएस अधिकारियों समेत 44 के थे हनीट्रैप की आरोपितों से रिश्ते, जानिए-पूरा मामला

भोपाल, अभिषेक दुबे। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की आरोपितों के रिश्ते प्रदेश के वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों समेत 44 लोगों से थे। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार दो दिन पूर्व मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को बंद लिफाफें में सौंपी गई जांच रिपोर्ट में इन अधिकारियों के रिश्तों का राजफाश किया गया है। रिपोर्ट में जिनके नाम हैं, उनमें प्रदेश के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी, दो रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव, एक प्रमुख सचिव, एक मौजूदा अतिरिक्त प्रमुख सचिव एवं एक सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। अब तक कि जांच में किसी भी आइपीएस अधिकारी का नाम सामने नहीं आया है, जबकि एक पूर्व मंत्री के आरोपितों से करीबी रिश्ते सामने आए हैं।

हनीट्रैप में फंसे लोगों के नाम स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) की जांच में सामने आए हैं। हाई कोर्ट से अगले दिशा-निर्देश मिलने के बाद एसआइटी मामले में आगे कार्रवाई करेगी। हनीट्रैप मामले में मध्य प्रदेश पुलिस पर रसूखदारों को बचाने का आरोप लगाते हुए मध्‍यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस पर इंदौर हाई कोर्ट ने मामले की जांच कर रही एसआइटी से स्टेटस रिपोर्ट के साथ ही अब तक कि जांच में सामने आए नामों की सूची मांगी थी। एसआइटी ने गुरुवार को तीन बंद लिफाफे में नामों की सूची समेत स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है। सुनवाई के दौरान एसआइटी चीफ राजेन्द्र कुमार भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित हुए थे। मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।

सरकार नहीं चाहती नाम हों उजागर

इस मामले में सरकार की तरफ से पक्ष महाधिवक्ता पुरषेन्द्र कौरव ने रखा था। कौरव का कहना था कि आरोपितों ने कई लोगों से बातचीत और मुलाकात की थी। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति का संबंध अपराध से हो। लिहाजा, यह नाम सार्वजनिक नहीं होने चाहिए। इस मामले की सुनवाई भी बंद कमरे में होनी चाहिए। कोर्ट ने सरकार की यह मांग स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई बंद कमरे में करने के निर्देश दिए हैं।

ऐसे सामने आया था मामला

हनीट्रैप मामले का राजफाश तब हुआ था, जब इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने शहर के पलासिया थाने में शिकायत की थी कि कुछ युवतियां उन्हें अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर तीन करोड़ रुपये मांग रही हैं। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर भोपाल में रह रहीं श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी समेत पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उनके द्वारा कई हाई प्रोफाइल लोगों के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की बात कही थी।

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