नक्सलगढ़ में जान जोखिम में डाल मेडिकल टीम जुटी ग्रामीणों की जांच में, हजार से ज्यादा का लिया सैंपल

नक्सलियों ने जगह-जगह बारूद लगा रखी है। ऐसे इलाके में मीलों पैदल चलकर अपनी जान हथेली पर लेकर मेडिकल टीम गांव-गांव पहुंच रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 09:07 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 09:09 PM (IST)
नक्सलगढ़ में जान जोखिम में डाल मेडिकल टीम जुटी ग्रामीणों की जांच में, हजार से ज्यादा का लिया सैंपल
नक्सलगढ़ में जान जोखिम में डाल मेडिकल टीम जुटी ग्रामीणों की जांच में, हजार से ज्यादा का लिया सैंपल

सुकमा, जेएनएन। देश में सर्वाधिक हिंसा प्रभावित क्षेत्र माने जाने वाले सुकमा जिले में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। जिले की सीमा ओडिशा के मलकानगिरी जिले से सटी है। वहां कोरोना के 19 केस सामने आ चुके हैं। यह संख्या रोज बढ़ रही है। इसके चलते सुकमा हाई अलर्ट पर है। यह समूचा इलाका घने जंगलों से घिरा है। दर्जनों जंगली रास्तों से लोग दोनों राज्यों में आवाजाही करते हैं। यहां जंगलों में अधिकांश गांव पहुंचविहीन हैं। नक्सलियों ने जगह-जगह बारूद लगा रखी है। ऐसे इलाके में मीलों पैदल चलकर अपनी जान हथेली पर लेकर मेडिकल टीम गांव-गांव पहुंच रही है।

सीएमएचओ सीबी प्रसाद बंसोड़ ने सैंपल लेने के लिए तीन मेडिकल टीम बनाई है। इसमें कोंटा ब्लॉक के लिए मेडिकल ऑफिसर डॉ. महादेव बारसे, लैब तकनीशियन गोरेनाथ जांगड़े, स्टाफ नर्स उत्कर्षा ध्रुव व सफाई कर्मचारी लक्ष्मण पांडेय, छिंदगढ़ ब्लॉक के लिए मेडिकल ऑफिसर डॉ. सत्यनारायण व लैब तकनीशियन नेहरू मरकाम नियुक्त और सुकमा ब्लॉक के लिए डॉ. प्रवीण तेली, डॉ. दीपेश चंद्राकर, राजेश ठाकुर व सोनिया सिंह की टीम है।

अब तक 1016 लोगों का सैंपल

सुकमा के कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि सीएमएचओ बंसोड़ ने बताया कि रेड जोन से आए मजदूरों का सैंपल लिया जा रहा है। जिले भर में 1016 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है, जिनमें से 992 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है। सभी निगेटिव हैं जबकि 24 लोगों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। जिले में 185 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। वर्सन स्वास्थ्य विभाग की तीन टीम बनाई गई है जो क्वारंटाइन किए गए लोगों का सैंपल ले रही है। कोरोना संक्रमण को रोकने प्रत्येक आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। जिले में पूरी सतर्कता बरती जा रही है।  

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