कोरोना वायरस के विभिन्न वैरियंट के खिलाफ असरदार है भारत की स्वदेशी COVAXIN, आइसीएमआर की स्टडी में दावा

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच एक अच्छी खबर आई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आइसीएमआर) ने एक शोध में दावा किया है कि भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(COVAXIN) कोरोना के विभिन्न वैरियंट्स के खिलाफ असरदार है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 01:19 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:07 PM (IST)
कोरोना वायरस के विभिन्न वैरियंट के खिलाफ असरदार है भारत की स्वदेशी COVAXIN, आइसीएमआर की स्टडी में दावा
भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(COVAXIN)। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते खतरे के बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(आइसीएमआर) ने अपने एक शोध में पाया है कि भारत में बनी पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) कोरोना वायरस के विभिन्न वैरियंट्स(रूपों) के खिलाफ असरदार है।  

कोवैक्सीन(Covaxin)के नाम से जानी जाने वाली इस कोविड-19 वैक्सीन का निर्माण भारत बायोटेक(Bharat Biotech)ने किया है। देश में एक मई से 18 साल या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी गई है। ऐसे में देश में टीकाकरण कार्यक्रम को विस्तार देने से ठीक पहले आए इस शोध से आशाएं और बढ़ गई है। देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए संभवत: डबल म्यूटेंट वैरियंट ही जिम्मेदार है।

कोरोना के नए वेरिएंट यानि डबल म्यूटेंट वैरियंट( B.1.617) का शुरुआती स्तर पर भारत में दो म्यूटेशन के साथ पता लगाया गया। पहली बार भारत में एक वैज्ञानिक के जरिए पिछले साल बताया गया और हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास ज्यादा जानकारी पेश कर दी गई है। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार डबल म्यूटेंट की मौजूदगी को स्वीकार किया था। तब से लेकर डबल म्यूटेशन ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका समेत 10 मुल्कों में पाया गया है।

ICMR study shows #COVAXIN neutralises against multiple variants of SARS-CoV-2 and effectively neutralises the double mutant strain as well. @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes #IndiaFightsCOVID19 #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/syv5T8eHuR

— ICMR (@ICMRDELHI) April 21, 2021

कोरोना की रफ्तार दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा करीब तीन लाख पहुंच चुका है। विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारणों की तलाश में जुटे हैं। बीते दिनों नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) ने महाराष्ट्र की प्रयोगशालाओं के साथ एक बैठक में कुछ आंकड़े साझा किए। राज्य में जनवरी से मार्च तक 361 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई, जिनमें 220 (करीब 61%) में डबल म्यूटेंट वैरिएंट के पाए गए। सूत्रों के अनुसार, देशभर में 1.40 लाख नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो चुकी है। 

क्या है बी.1.617(B.1.617)?

डबल म्यूटेंट वैरिएंट को बी.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ई484क्यू व एल452आर दोनों प्रकार के म्युटेशन पाए गए हैं। कई देशों में ये वैरिएंट अलग-अलग पाए गए हैं, लेकिन भारत में पहली बार दोनों एक साथ सामने आए हैं। दोनों म्युटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं, जो मनुष्यों की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को आसान बनाते हैं। 

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