ICAI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सीए की मई की परीक्षाएं रद, अब इन्‍हें नवंबर चक्र में समाहित किया जाएगा

ICAI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सीए की मई की परीक्षाएं रद कर दी गई हैं और अब इन्‍हें नवंबर के चक्र में समाहित किया जाएगा। जानें अदालत ने क्‍या कहा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 05:55 PM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 04:22 AM (IST)
ICAI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सीए की मई की परीक्षाएं रद, अब इन्‍हें नवंबर चक्र में समाहित किया जाएगा
ICAI ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सीए की मई की परीक्षाएं रद, अब इन्‍हें नवंबर चक्र में समाहित किया जाएगा

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (Institute of Chartered Accountants of India, ICAI) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि देश में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मई चक्र के लिए 29 जुलाई से 16 अगस्त के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रस्तावित सीए की परीक्षाएं रद कर दी गई हैं। जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar) की अध्यक्षता वाली पीठ को ICAI के वकील ने बताया कि अब मई चक्र की परीक्षा को नवंबर 2020 चक्र की सीए परीक्षा में शामिल कर दिया जाएगा।

सर्वोच्‍च न्‍यायालय उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आईसीएआई द्वारा उम्मीदवारों को दिए गए ऑप्ट आउट के विकल्प को चुनौती दी गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उक्‍त विकल्प सीए की मई माह में होने वाली परीक्षा देने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए पक्षपाती है। अदालत ने आईसीएआई के वकील की दलील सुनने के बाद याचिका का निबटारा कर दिया। याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव (Alakh Alok Srivastava) ने सीए की परीक्षाओं से संबंधित कुछ पहलुओं की ओर न्यायाल का ध्यान आकर्षित किया। याचिका में देशभर में सीए की परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए और परीक्षा सेंटर्स को बढ़ाए जाने की मांग की गई थी।

इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील (Alakh Alok Srivastava) से कहा कि इस संबंध में वह आईसीएआई के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं। इससे पहले सर्वोच्‍च न्यायालय ने 29 जून को सुनवाई के दौरान कहा था कि कोरोना महामारी के बीच आईसीएआई को परीक्षाओं का आयोजन करने में लचीला रवैया अपनाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने आईसीएआई से कहा था कि उसको उम्मीदवारों की चिंताओं का भी ख्‍याल रखना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा था कि आईसीएआई को परीक्षा केंद्र के विकल्प पर भी लचीला रूख अपनाना चाहिए क्योंकि कोरोना को लेकर हालात लगातार बदल रहे हैं। 

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