'थिएटर कमांड' के गठन पर वायु सेना की असहमति! IAF का मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी से इनकार

देश की तीनों सेनाओं को एकजुट कर नया रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। तीनों सेनाओं की एक संयुक्त कमान को थिएटर कमांड कहा जाता है। युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए यह बेहद उपयोगी होती है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 01:05 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 01:05 PM (IST)
'थिएटर कमांड' के गठन पर वायु सेना की असहमति! IAF का मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी से इनकार
तीनों सेनाओं की एक संयुक्त कमान को कहा जाता है 'थिएटर कमांड'

नई दिल्ली, एएनआइ। थिएटर कमांड के गठन को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच कुछ ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें कहा गया है कि इसे लेकर तीनों सेनाओं के बीच मतभेद हैं। इंडियन एयरफोर्स ने इन रिपोर्ट्स पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि देश की तीनों सेनाओं को एकजुट कर नया रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) की एक संयुक्त कमान को 'थिएटर कमांड' कहा जाता है। युद्ध के मौके पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए यह बेहद उपयोगी होती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थिएटर कमांड के गठन को लेकर थेल सेना और नौसेना ने अपना समर्थन जताया है लेकिन वायु सेना ने इस कदम का विरोध किया है। इस पर वायु सेना के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, 'थिएटर कमांड के गठन को लेकर आधिकारिक तौर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। आइएएफ मीडिया रिपोर्ट्स को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेगा।'

बता दें कि रक्षा मंत्रालय को थिएटर कमांड को लेकर एक प्रस्तुति दी गई थी। इस दौरान मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा कुछ सवाल उठाए गए थे और इस पर और विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया गया था। इसके बाद ही इस तरह की रिपोर्ट्स सामने आई थीं।

जम्मू-कश्मीर की पहली एयरफोर्स महिला फाइटर बनीं माव्या

माव्या सूदन देश की 12वीं और जम्मू कश्मीर की पहली एयर फोर्स महिला फाइटर पायलट बनी हैं। माव्या सूदन ने तेलंगाना की डुंडिगल वायुसेना अकादमी, हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में भाग लेकर नाम रोशन किया है। पासिंग आउट परेड में माव्या इकलौती ऐसी महिला फाइटर पायलट थीं। माव्या को बचपन से ही भारतीय वायु सेना में शामिल लड़ाकू विमान उड़ाने का शौक था। उनका सपना अब साकार हो गया है। माव्या की तमन्ना थी कि वह लड़ाकू विमान उड़ाकर देश का नाम रोशन करे। माव्या बचपन से ही पढ़ने में भी काफी होशियार थीं।

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