Human Rights Day 2019 : लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने के लिए मनाया जाता मानवाधिकार दिवस

Human Rights Day 2019 आज विश्व मानव अधिकार दिवस है। इस दिन दुनिया भर के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाता है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 10:30 PM (IST)
Human Rights Day 2019 : लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने के लिए मनाया जाता मानवाधिकार दिवस
Human Rights Day 2019 : लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने के लिए मनाया जाता मानवाधिकार दिवस

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। Human Rights Day 2019 : धरती पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति के कुछ न कुछ अधिकार निहित है। उसे उसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती। लोगों को उनके अधिकारों के बारे में बताने और जागरूक करने के उद्देश्य से ही हर साल 10 दिसंबर को पूरी दुनिया में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।

मालूम हो कि इस दिवस का उद्देश्य मानव अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करना तथा मानवाधिकारों के हनन को रोकना है। मानवाधिकारों में मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार और अंतरराष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता शामिल है पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दिवस पर ‘दूसरों के अधिकारों के लिए कदम उठाना’ विशेष उद्देश्य के रूप में शामिल किया गया है।

मानव अधिकार क्या है? 

किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार की श्रेणी में रखा जाता है। आमतौर पर कम ही लोगों को उनके सभी अधिकारों के बारे में बेहतर ढ़ग से पता है। लोगों को उनके तमाम अधिकारों के बारे में विस्तार से बताने के लिए ही इस तरह के दिनों का आयोजन किया जाता है जिससे उनको अपने खुद के अधिकारों के बारे में पता चल सके। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है।

भारत में मानव अधिकार कानून: 

भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया। भारत सरकार ने 12 अक्‍टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं।

ये है पृष्ठभूमि

• संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाये जाने वाले दिन से ही इस दिवस को मनाया जा रहा है।

• पहली बार 48 देशों ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के साथ इस दिन को मनाया था।

• वर्ष 1950 में महासभा द्वारा प्रस्ताव 423 (v) पारित करके सभी देशों एवं संस्थाओं को इसे अपनाये जाने के लिए आग्रह किया गया।

• यूएनजीए ने दिसंबर 1993 में इसे प्रतिवर्ष मनाये जाने के लिए घोषणा की गयी।  

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