जानें- कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए घर में कैसे तैयार करें अपना 'इम्‍यूनिटी बूस्‍टर'

काढ़ा भारत की प्राचीनतम पद्धति में शामिल रहा है। ये न सिर्फ इम्‍यूनिटी बूस्‍टर है बल्कि इसके कई दूसरे फायदे भी हैं। आयुष मंत्रालय ने लोगों को कोरोना महामारी से बचने और इम्‍यूनिटी बूस्‍ट करने के लिए इसके सेवन की सिफारिश भी की है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 08:26 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 10:46 AM (IST)
जानें- कोरोना महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए घर में कैसे तैयार करें अपना 'इम्‍यूनिटी बूस्‍टर'
काढ़ा पीकर बनाओ अपनी इम्‍यूनिटी को स्‍ट्रॉन्‍ग

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में विकराल और खौफनाक रूप ले लिया है। फरवरी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, वो रुकना तो दूर कम होने का भी नाम नहीं ले रहा है। कोरोना के बढ़ते मामले लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर रहे हैं। मंगलवार की रात तक देश में संक्रमण के 185,248 नए मामले सामने आए हैं, जो हर किसी के लिए चिंता की बात है। जिन राज्‍यों में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं उनमें महाराष्‍ट्र सबसे ऊपर है। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने लोगों को इससे बचाव के लिए पारपंरिक नुस्‍खा इस्‍तेमाल करने की हिदायत दी है।

मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि लोग जितना अधिक हो सके घर में काढ़ा बनाकर पिएं और हल्‍दी का प्रयोग करें। साथ लोगों को च्‍यवनप्राश खाने की भी सलाह दी गई है। आयुष मंत्रालय का ये भी कहना है कि पिछले वर्ष जब कोरोना महामारी चरम पर थी, तब भारतीयों ने बड़ी संख्‍या में इन पारंपरिक चीजों का सेवन किया था और महामारी के प्रति अपनी इम्‍यूनिटी को बूस्‍ट किया था। ऐसे में अब भी लोगों को वही उपाय अपनाकर इस महामारी को हराने के लिए प्रयास करने होंगे।

हम सभी ये बात बेहतर तरीके से जानते हैं कि आयुष ने जो उपाय सुझाए हैं, वो सभी वास्‍तव में इम्‍यूनिटी बूस्‍टर हैं। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर घर में अपना इम्‍यूनिटी बूस्‍टर बनाएं कैसे। इसका जवाब हम आपको देते हैं, लेकिन इससे पहले आपको बता देते हैं कि मंत्रालय ने जिस हल्‍दी के सेवन की बात कही है वो आयुर्वेद के नुस्‍खों में बड़ी कारगर चीज है। ये न सिर्फ इम्‍यूनिटी बूस्‍टर होती है, बल्कि ये एक नेचुरल लिवर डिटॉक्सीफायर भी है। कई तरह के शरीर में होने वाले इंफेक्‍शन से लड़ने में ये कारगर है। भारत में पैदा होने वाली हल्‍दी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला रासायनिक पदार्थ करक्यूमिन की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इसको हर जगह पसंद किया जाता है। इंसान को करक्‍यूमिन की दिन में करीब 500 से 1000 मिलीग्राम की जरूरत होती है, जिसको ये पूरा करती है।

ये न सिर्फ शरीर में होने वाले दर्द और थकान को दूर करती, बल्कि सांस संबंधी परेशानियों को दूर करने में भी काफी कारगर भूमिका निभाती है। इसके एक नहीं कई फायदे हैं। ये एंटीसेप्टिक भी है। आयुष मंत्रालय के साथ हुए एक वेबिनार में मशहूर सेलिब्रिटी शेफ संजय कपूर ने बताया था कि इसको दूध में मिलाकर पीने से कई तरह के फायदे होते हैं। उनके मुताबिक, दूध में यदि एक चुटकी पिसी हुई काली मिर्च डाल दी जाए तो न सिर्फ उसका स्‍वाद बढ़ जाता है, बल्कि ये आपकी इम्‍यूनिटी को भी बूस्‍ट करने में सहायक साबित होती है।

अब बात करते हैं घर में बनाए काढ़े की। आयुष के मुताबिक, इसके लिए आप घर में मौजूद कुछ चीजों का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। जैसे जीरा, अजवायन, पीपल, काला नमक, हल्‍दी, लौंग, गिलोय, अदरक, सौंठ, तुलसी के पत्‍ते और काली मिर्च। इन सभी को डेढ़ से दो लीटर पानी में कूटकर या ऐसे भी डालकर अच्‍छे से उबाल लिजिए। जब पानी पक जाएगा तो उसका रंग हल्‍का ब्राउन हो जाएगा। इस पानी को ठंडा कर लीजिए और दिन में चार पांच बार थोड़ा-थोड़ा करके पी लिजिए। साधारण से दिखाई देने वाले इस पानी में ऐसे लाभकारी गुण मौजूद हैं जो आपको कोरोना वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता प्रदान कर सकते हैं।

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