सर्जरी के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे हैं? श्रीपद नाईक ने आपत्तियों को साफ करते हुए दिया ये जवाब
केंद्र के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा विरोध किए जाने से संबंधित सवाल के जवाब में आयुष मंत्री ने कहा कि मिक्सोपैथी जैसा कोई शब्द नहीं है। आइएमए की आपत्तियों पर आयुष मंत्री ने साफ की स्थिति।
पणजी, प्रेट्र। केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि देश में 'मिक्सोपैथी' जैसी कोई अवधारणा नहीं है। आयुर्वेदिक डॉक्टर भी सर्जरी करने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। बुधवार को गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से छुट्टी मिलने से कुछ देर पहले नाईक ने इस संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह की सर्जरी और अन्य कुछ कार्य की अनुमति देने का फैसला एलोपैथिक डॉक्टरों की मदद करने पर केंद्रित है। आयुष मंत्री एक दुर्घटना का शिकार होने के बाद इस अस्पताल में उपचार करा रहे थे।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों को कुछ तरह के ऑपरेशन करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले का एलोपैथिक डॉक्टरों का एक तबका विरोध कर रहा है। वह इसे 'मिक्सोपैथी' करार दे रहा है।
केंद्र के फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा विरोध किए जाने से संबंधित सवाल के जवाब में आयुष मंत्री ने कहा कि 'मिक्सोपैथी' जैसा कोई शब्द नहीं है। हम एलोपैथी प्रैक्टिस की मदद के लिए भारतीय औषधि प्रणाली ला रहे हैं। यह कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। दोनों पद्धतियां एक-दूसरे की पूरक बनेंगी।
नाईक ने कहा कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ही शिक्षित हैं। उन्हें सर्जरी करने का भी प्रशिक्षण प्राप्त है। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर एक साल की इंटर्नशिप करते हैं। नाईक ने कहा कि भारतीय औषधि प्रणाली देश के लोगों को सदियों से लाभ पहुंचाती रही है और इसकी विधि में कोई बदलाव नहीं हुआ है।