Hindi Hain Hum: भाषा में दक्षता के लिए नियमित अध्ययन आवश्यक: निशांत जैन

निशांत जैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यक्तित्व की परिपक्वता पुस्तकों को पढ़ने से आती है। आपके ज्ञान में गहराई आती है। अगर कोई भाषा आपको नहीं आती है और वो जरूरी है तो उसको सीखें।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:54 PM (IST)
Hindi Hain Hum:  भाषा में दक्षता के लिए नियमित अध्ययन आवश्यक: निशांत जैन
आईएएस अधिकारी निशांत जैन, जो ‘हिंदी हैं हम’ के हिंदी उत्सव में गौरव गिरिजा शुक्ला से बात कर रहे थे

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अब हिंदी माध्यम में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रामाणिक पाठ्य सामग्री बहुतायत में उपलब्ध है। प्रतियोगियों के सामने ये बड़ी चुनौती है कि वो किस पुस्तक को चुनें और किसको छोड़ें। हिंदी भाषा में दक्ष होने के लिए आवश्यक है कि प्रामाणिक पुस्तकों का नियमित अध्ययन करें। हिंदी में ढेर सारी सामग्री वीडियो माध्यम में भी उपलब्ध है लेकिन सफल होने के लिए ये जरूरी है पुस्तकें पढ़नी।

हिंदी के सामने इस वक्त जो सबसे बड़ी चुनौती है वो उसकी लिपि को बचाने की है। आज व्हाट्सएप और चैटिंग के दौर में देवनागरी लिपि पिछड़ती नजर आ रही है। हिंदी के वाक्य भी रोमन में लिखने लगे हैं। कई बार लगता है कि हम अपनी भाषा की लिपि को भूलने की ओर बढ़ रहे हैं। ये खतरनाक ट्रेंड है। हिंदी के वाक्यों को देवनागरी में ही लिखना चाहिए। ये कहना है कि आईएएस अधिकारी निशांत जैन का जो ‘हिंदी हैं हम’ के हिंदी उत्सव में गौरव गिरिजा शुक्ला से बात कर रहे थे।

‘हिंदी हैं हम’ के हिंदी उत्सव में बोले हिंदी माध्यम से आईएएस अधिकारी बने निशांत जैन

निशांत जैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यक्तित्व की परिपक्वता पुस्तकों को पढ़ने से आती है। आपके ज्ञान में गहराई आती है। अगर कोई भाषा आपको नहीं आती है और वो जरूरी है तो उसको सीखें। आपको बता दें कि दैनिक जागरण के हिंदी हैं हम के तहत एक सितंबर से प्रतिदिन अलग अलग विषयों के विशेषज्ञों से हिंदी को लेकर बात की जा रही है।

शुक्रवार को कार्यक्रम

शुक्रवार शाम 6 बजे हिंदी हैं हम के फेसबुक पेज पर फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक चंद्रप्रकाश द्विवेदी से बात करेंगी स्मिता श्रीवास्तव और विषय है- सिनेमा में हिंदी लेखन की चुनौतियां

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