संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विश्वभर से आई मदद
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि भारत ने अब तक स्पुतनिक टीके की कितनी यूनिट आयात की हैं। भारत ने स्पुतनिक टीके की पहली खुराक की 31.5 लाख यूनिट और स्पुतनिक टीके की दूसरी खुराक की 4.5 लाख यूनिट का आयात किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि भारत ने अब तक स्पुतनिक टीके की कितनी यूनिट आयात की हैं। भारत ने स्पुतनिक टीके की पहली खुराक की 31.5 लाख यूनिट और स्पुतनिक टीके की दूसरी खुराक की 4.5 लाख यूनिट का आयात किया है। कोरोना की दूसरी लहर के संकट के दौरान जो दवाइयां उस समय भारत में उपलब्ध नहीं थी। तब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कोरोना की दवाओं और उपकरणों के लिए एकजुटता और सहायता के प्रस्तावों के साथ आगे आया था।
राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आगे बताया कि अब तक 52 देशों से विदेशी सामग्री प्राप्त की जा चुकी है, जिसमें सरकार से सरकार, प्राइवेट से सरकार, प्राइवेट से प्राइवेट, भारतीय समुदाय सहायता और कंपनियां शामिल हैं। अंतर मंत्रिस्तरीय समिति के माध्यम से दान को मंजूरी दी गई जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, नीति आयोग, डीपीआइआइटी, एमएचए, एनओएचएफडब्लू के प्रतिनिधि शामिल हैं।
कोरोना महामारी जब अपने चरम सीमा पर थी, उस दौरान सभी देशों ने एक साथ मिल कर काम किया और कोरोना से मचे कोहराम को कम करने में एक दूसरे की मदद की। गौरतलब है कि देश में टीके की कमी से कई स्थानों पर टीकाकरण अभियान पर असर पड़ा हैं। विदेशी सहायता ने कोरोना से लड़ने में अहम भुमिका निभाई है। कोरोना के टीकों का आयात अधिक से अधिक हो सकें इसलिए भारत सरकार ने नियमों में ढील दी थी।
भारत में इस समय कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक और मॉडर्ना कंपनी के टीके उपलब्ध हैं। स्पुतनिक-वी वैक्सीन रूस की कंपनी है। भारत सरकार और कंपनी के करार के तहत कंपनी वैक्सीन की 12.5 करोड़ खुराक भारत को बेचेगी। कोरोना के महासंकट के बीच यह एक राहत की खबर है। स्पुतनिक टीके 91.6 फीसदी तक कोरोना के खिलाफ सफल है, यह आंकड़े कंपनी ने अपने ट्रायल में जारी किया था।