कोख रूठी, गोद छूटी, मैं बाजार में बिक गया पर मां न मिल सकी, दिल दहलाने वाली दास्तां

मैंने तो खुली हवा में ठीक से सांस लेना भी शुरू नहीं किया था कि मेरे इर्द-गिर्द अनजान हाथों का डरा देने वाला घेरा बढ़ता नजर आया।

By Tilak RajEdited By: Publish:Thu, 17 Sep 2020 10:35 PM (IST) Updated:Thu, 17 Sep 2020 10:35 PM (IST)
कोख रूठी, गोद छूटी, मैं बाजार में बिक गया पर मां न मिल सकी, दिल दहलाने वाली दास्तां
कोख रूठी, गोद छूटी, मैं बाजार में बिक गया पर मां न मिल सकी, दिल दहलाने वाली दास्तां

इंदौर, विपिन अवस्थी। 'जिस कोख में मैं नौ माह रहा, वहां से बाहर पैर बढ़ाते ही बदकिस्मती ने मेरा माथा चूमा था। कोख रूठ गई... गोद छूट गई। मां मुंह फेरकर जाने कहां चली गई। शायद मेरा चेहरा भी न देखा होगा... देख लेती तो छोड़कर न जा पाती। मैंने तो खुली हवा में ठीक से सांस लेना भी शुरू नहीं किया था कि मेरे इर्द-गिर्द अनजान हाथों का डरा देने वाला घेरा बढ़ता नजर आया। उन लोगों ने मुझे उठाकर किसी और के हाथों में सौंप दिया, जिसने मुझे थामा उसका नाम है रीत ठाकरे। दो साल तक उन्होंने मुझसे मां-बेटे की प्रीत भी निभाई। उन्हीं हाथों के सहारे मैं दो साल तक पलता-बढ़ता रहा, किंतु नियति की क्रूर कहानी बाकी थी। मेरे हाथों से एक बार फिर मां का हाथ छूट गया। पता चला, जिसे मैं मां मान रहा था, वो तो मेरी मां थी ही नहीं। उन्होंने मुझे खरीदा था। मुझे नहीं पता कि वो मुझे पालना चाहती थीं या नहीं, लेकिन उनसे छूटा तो अब मैं अनाथालय की दहलीज पर आ गया। मां बहुत याद आती है...पर मैं तो बिक कर भी मां को नहीं पा सका।'

पुलिस ने बच्चा चोरों से मुक्त कराए तीन बच्चे

यह दास्तां है उस दो साल के बच्चे की है, जो हाल ही में इंदौर में पकड़े गए बच्चा चोरी और खरीद-फरोख्त गिरोह से मुक्त करवाया गया है। उसके साथ एक बच्चा दो महीने का और एक बच्चा आठ दिन का भी मुक्त करवाया गया है। दो माह के और आठ दिन के बच्चों को एमवायएच अस्पताल में रखा गया है, जबकि दो साल के बच्चे को एक केयर टेकर संस्था को सौंपा गया है। हमारे सहयोगी अखबार नईदुनिया के रिपोर्टर ने दो साल के बच्चे की गतिविधि और उसके केयर टेकर से हुई चर्चा के आधार पर उसके हाव-भाव को उक्त शब्द दिए हैं।

इंदौर की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष माया पांडे का कहना है कि तीनों बच्चे स्वस्थ हैं। दो महीने का बच्चा पालने में है। अनाथालय में रखा गया दो साल का बच्चा अपनी मां (बच्चा चोरी की आरोपित रीत ठाकरे, जिसे वो मां मानता रहा) को ढूंढता रहा। रोया भी। अब जब उसे अहसास होने लगा है कि उसकी मां नहीं आएगी, वह धीरे-धीरे दूसरे बच्चों के साथ उठने-बैठने की कोशिश करने लगा है। ज्योति और संगीता नाम की सहायिकाएं उसकी देखरेख कर रही हैं। बच्चा दोनों के पास ही रहता है और उनके साथ में ही सोता है।

क्राइम ब्रांच इंदौर के एएसपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि दो साल का बच्चा किसका है, उसके माता-पिता की तलाश की जा रही है। हालांकि, बच्चे के कुछ दावेदार आए हैं, जो उसे अपना बता रहे हैं। उन्हें कोर्ट जाने को कहा है। कोर्ट फैसला करेगी कि बच्चा किसके सुपुर्द करना है।

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