मोदी सरकार शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को करेगी दूर, 19 राज्यों के लिए करोड़ों का अनुदान हुआ जारी

वित्त आयोग ने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए उपायों की पहले से ही पहचान कर रखी है जिससे स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ बनाने और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 09:09 PM (IST) Updated:Sat, 13 Nov 2021 09:16 PM (IST)
मोदी सरकार शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को करेगी दूर, 19 राज्यों के लिए करोड़ों का अनुदान हुआ जारी
बदलेगी ग्रामीण व शहरी निकायों के स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की सूरत (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों के स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 19 राज्यों के लिए 8,453.92 करोड़ रुपये जारी किए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर यह धनराशि जारी की गई है। इससे शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली की खामियों को दूर करने और स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा।

वित्त आयोग ने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए उपायों की पहले से ही पहचान कर रखी है, जिससे स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ बनाने और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियों की पोल खुलने के बाद यह अनुदान काफी कारगर साबित होगा।

पंद्रहवें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी सिफारिश में स्थानीय निकायों को कुल 4.27 लाख करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी करने को कहा है। आयोग की सिफारिशों में अकेले स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के लिए 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान किया गया है। इस पूरी धनराशि में से ग्रामीण स्थानीय निकायों की हिस्सेदारी लगभग 44 हजार करोड़ रुपये और शहरी निकायों की 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक की है।

वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 13.19 हजार करोड़ रुपये का अनुदान जारी करने की सिफारिश की गई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान जारी होने वाली इस राशि में ग्रामीण निकायों की हिस्सेदारी 8,273 करोड़ रुपये और शहरी स्थानीय निकायों के लिए 4,919 करोड़ रुपये हैं। इस वित्तीय मदद से ग्रामीण व शहरी स्थानीय निकायों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने में काफी सुविधा होगी।

कोरोना की आपदा के दौर में आधुनिक उपचार की कमी से काफी मुश्किलें झेलनी पड़ीं। जरूरी स्वास्थ्य उपकरणों की कमी, आक्सीजन संयंत्रों का अभाव और अन्य बुनियादी सुविधाओं के न होने का खामियाजा लोगों को जान देकर उठाना पड़ा। सरकार के इस लक्षित वित्तीय अनुदान से सर्वकालिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लक्ष्य को पूरा करना आसान हो जाएगा।

वित्त आयोग की सिफारिशों में विभिन्न मदों में होने वाले खर्च का ब्योरा भी दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए डायग्नोस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के मद में 16.38 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जबकि ब्लाक स्तरीय पब्लिक हेल्थ इकाइयों के लिए 5,270 करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया गया है। जिन 19 राज्यों की ओर से प्रस्ताव मिल गए थे, उनके हिस्से का धन जारी कर दिया गया। बाकी नौ राज्यों के प्रस्ताव मिलते ही उनकी राशि जारी कर दी जाएगी।

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