सिर्फ जायका नहीं बढ़ाता यह मसाला, बीपी से लेकर नपुसंकता तक का है इलाज

जुकाम, सर्दी, अपच आदि बीमारियों के लिए यह एक अचूक औषधि होती है। इसके अलावा भी हींग के बहुत से फायदे हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 01:29 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 09:50 PM (IST)
सिर्फ जायका नहीं बढ़ाता यह मसाला, बीपी से लेकर नपुसंकता तक का है इलाज
सिर्फ जायका नहीं बढ़ाता यह मसाला, बीपी से लेकर नपुसंकता तक का है इलाज

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारतीय रसोई में हींग की अपनी खास जगह है। भारतीय व्यंजनों में खासतौर पर खुशबू और स्वाद के लिए किया जाता है। हींग की तेज खुशबू व्यंजन में एक अलग जायका लाती है। यह दाल में तड़का लगाने से लेकर सब्जी में खुशबू के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। आमतौर पर ये गहरे लाल या फिर भूरे रंग की होती है। लेकिन इसके अलावा भी हींग के बहुत सारे फायदे हैं जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल लगभग हर किचन में किया जाता है।

जी हां हींग कई बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। दाल को तड़का लगाने, सांभर बनाने या फिर कढ़ी बनाने में हींग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय गुण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने में हमारी मदद करते हैं। जुकाम, सर्दी, अपच आदि बीमारियों के लिए यह एक अचूक औषधि होती है। इसके अलावा भी हींग के बहुत से फायदे हैं।

पांच वर्ष में तैयार होता है पौधा
एक हींग का पौधा दूध देने के लिए पांच वर्ष में तैयार होता है। एक हींग के पौधे से आधा से लेकर एक किलो तक कच्चा दूध मिलेगा। सामान्य तौर पर गुणात्मक दृष्टि से हींग 11 हजार रुपये से 40 हजार रुपये तक बिकता है। हर साल देश में 8,800 करोड़ रुपये मूल्य का हींग आयात होता है। हाल ही में लाहुल-स्पीति के कई क्षेत्रों में हींग की तीन जंगली किस्में प्राप्त हुई हैं। इन किस्मों पर शोध शुरू हुआ है। इस समय हींग का उच्च गुणवत्ता का बीज इरान व तुर्की से लाया गया है।

हिमाचल में है यह गांव
आपको यहां पर ये भी बता दें कि भारत हींग का सबड़े बड़ा उपभोक्‍ता है। इसके बाद भी भारत में एक ग्राम हींग का भी उत्‍पादन नहीं होता है। हींग ज्‍यादातर अफगानिस्‍तान, ईरान समेत दूसरे मुस्लिम देशों से भारत आती है। लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के किन्नूर जिले के गांव लिप्पा में हींग की खेती से चमत्कार होने वाला है। बस पांच साल का इंतजार करने की जरूरत रहेगी। उसके बाद हींग के एक पेड़ से 40 हजार रुपये तक मूल्य का दूध निकलेगा। यानी हींग के एक पेड़ से अधिकतम एक किलो दूध निकलेगा, जो किसान की आर्थिकी का हिस्सा बनेगा। प्रदेश के छह जिलों में हींग पैदा होने की संभावनाएं हैं। जनजातीय लाहुल-स्पीति जिला के उदयपुर ब्लॉक की पांच पंचायतों में किसानों को हींग का बीज बांटा गया। आइए, हींग के उन गुणों के बारे में...

हींग के औषधीय गुण:

सिर दर्द में हींग के फायदे
सर्दी-जुकाम, तनाव और माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द में हींग के प्रयोग से आराम मिल जाता है। हींग में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं इसलिए ये सिर की रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। इसके प्रयोग के लिए डेढ़ कप पानी में दो चुटकी हींग डालें और इसे उबालने के लिए आंच पर चढ़ा दें। जब ये पानी पकते-पकते एक कप से थोड़ा कम रह जाए, तो इसे आंच से उतार लें और इसे हल्का गुनगुना करके पी लें।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना
हींग में कोउमारिन नाम का पदार्थ पाया जाता है। यह खून को जमने से रोकता ही है साथ ही साथ खून को पतला भी करता है। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

दांत दर्द में फायदेमंद है हींग
हींग में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो संक्रमण और दर्द की समस्या को दूर करते हैं। अगर आपके दांतों में संक्रमण है या मसूड़ों से खून निकलने और दर्द की समस्या है, तो हींग के प्रयोग द्वारा इससे राहत पाई जा सकती है। इसके लिए दांत के जिस भी हिस्से में दर्द हो, वहां हींग का एक छोटा सा टुकड़ा रख लें और दांतों से दबा लें। 5 मिनट में आपको दर्द से राहत मिलेगी। इसके अलावा आप हींग मिले गुनगुने पानी से कुल्ला कर सकते हैं, जिससे संक्रमण खत्म हो जाता है और दर्द से राहत मिलती है।

पेट की हर समस्या के लिए लाभकारी
प्राचीन काल से हींग का इस्तेमाल पेट की हर समस्या के लिए किया जाता रहा है। हींग में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों का भंडार होता है। पेट में कीड़े पड़ जाने पर, एसिडिटी, पेट खराब हो जाने पर हींग का सेवन काफी लाभकारी होता है।

कान दर्द में हींग के फायदे
हींग में एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं। हींग के प्रयोग से आप कान दर्द में भी राहत पा सकते हैं। इसके लिए एक छोटी कटोरी या पैन में दो चम्मच नारियल का तेल गर्म करें। गर्म होने पर इसमें एक चुटकी हींग मिला दें और आंच से उतारकर गुनगुना होने के लिेए रख दें। सहने लायक गुनगुना हो जाने पर ड्रॉपर की सहायता से या किसी अन्य तरह से कान में ये तेल डालें। इससे कुछ मिनट में ही आपको कान दर्द से राहत मिल जाएगी।

महिलाओं से जुड़ी समस्याओं में निजात
हींग में पाये जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व पीरिड्स से जुड़ी सभी समस्याओं में निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा हींग महिलाओं में ल्यूकोरिया और कैंडिडा इंफेक्शन को ठीक करने में भी काफी कारगर है।

स्किन इंफेक्शन में हींग का प्रयोग
दाद, खाज, खुजली जैसे चर्म रोगों के लिए हींग बहुत फायदेमंद है। चर्म रोग होने पर हींग को पानी में घिसकर लगाने से फायदा होता है। हींग की प्रवृत्ति गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। थोड़ी मात्रा में तड़के के रूप में या सलाद के मसाले आदि में आप इसका सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।

पुरुषों की तमाम यौन संबंधी रोगों का उपचार
हींग का सेवन पुरुषों की तमाम यौन संबंधी रोगों के उपचार में भी लाभकारी है। हर रोज खाने में थोड़ा सा हींग मिलाकर सेवन करने से नपुंसकता में कमी की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 

खांसी के उपचार में मदद
हींग का सेवन करने से बलगम प्राकृतिक रूप से दूर रहता है। यह एक श्वसन उत्तेजक की तरह कार्य करती है और खांसी के उपचार में मदद करती है। शहद और अदरक के साथ हींग को मिलाकर खाने से खांसी से काफी आराम मिलता है। 

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