गुना मामले में आइजी, कलेक्टर-एसपी को हटाया, छह प‍ुलिसकर्मी सस्‍पेंड, उच्चस्तरीय जांच के आदेश

किसान परिवार पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह गुना के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 08:04 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 06:47 PM (IST)
गुना मामले में आइजी, कलेक्टर-एसपी को हटाया, छह प‍ुलिसकर्मी सस्‍पेंड, उच्चस्तरीय जांच के आदेश
गुना मामले में आइजी, कलेक्टर-एसपी को हटाया, छह प‍ुलिसकर्मी सस्‍पेंड, उच्चस्तरीय जांच के आदेश

भोपाल, जेएनएन। गुना के कैंट थाना क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के एक किसान परिवार पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आइजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आइजी व 26 वीं वाहिनी गुना के सेनानी राजेश कुमार सिंह को नया एसपी बनाया गया है। सरकार ने छह पुलिसकर्मियों को भी सस्‍पेंड कर दिया है। 

Madhya Pradesh: 6 police personnel suspended, over the incident wherein a couple consumed poison after they were manhandled by police during an anti-encroachment drive in Guna pic.twitter.com/YKioDFn2Dc — ANI (@ANI) July 16, 2020

मंगलवार को गुना कैंट इलाके में कॉलेज की जमीन पर कब्जा हटाने के दौरान वहां खेती कर रहे किसान दंपती ने कीटनाशक पी लिया था। इसी दौरान पुलिस ने किसान के स्वजनों पर लाठीचार्ज किया था। बुधवार को मामले का वीडियो वायरल होने पर बवाल मच गया। 

देर शाम मुख्यमंत्री चौहान ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के साथ गुना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश दे दिए। देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और गृह विभाग ने आइजी राजाबाबू सिंह व पुलिस अधीक्षक नायक को हटा दिया।

गृहमंत्री ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

इधर, प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घटना के उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। भोपाल से टीम गुना जाकर मामले की जांच करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

गुना के कैंट थाना क्षेत्र की घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं। इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए। मैंने तत्काल अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं। भोपाल से जांच दल मौके पर जाकर पूरी घटना की जांच करेगा। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई करेंगे। pic.twitter.com/3IfCayNLRg

— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) July 15, 2020

सिंधिया का ट्वीट 

'गुना की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर के ऐसे असंवेदनशील व दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।

कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस की ओर से घेरने की शुरुआत पूर्व सीएम कमलनाथ ने की। उन्होंने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया और कहा कि गुंडे-अपराधी बेखौफ हो रहे हैं और प्रदेश जंगलराज की ओर लौट रहा है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा।

ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहाँ ले जा रही है ?

ये कैसा जंगल राज है ?

गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।

1/3 pic.twitter.com/lRgOFaWHPp— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 15, 2020

मायावती ने की गुना घटना की निंदा, कहा- अति शर्मनाक

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गुना पुलिस व प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नाम पर दलित परिवार को कर्ज लेकर तैयार की गई फसल को जेसीबी मशीन से बबार्द करके उस दम्पत्ति को आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर कर देना अति-क्रूर व अति-शर्मनाक। इस घटना की देशव्यापी निन्दा स्वाभाविक। सरकार सख्त कार्रवाई करे। एक तरफ भाजपा व इनकी सरकार दलितों को बसाने का ढिंढोरा पीटती है जबकि दूसरी तरफ उनको उजाड़ने की घटनाएं उसी तरह से आम हैं। जिस प्रकार से पहले कांग्रेस पार्टी के शासन में हुआ करती थी, तो फिर दोनों सरकारों में क्या अन्तर है? खासकर दलितों को इस बारे में भी जरूर सोचना चाहिए। 

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