गुलेरिया ने कहा- डेढ़ से दो माह में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, अनलाॅक के बाद लोग हुए लापरवाह

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डाॅ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन खत्म होने के बाद लोगों ने एक बार फिर बचाव के नियमों का ठीक से पालन करना बंद कर दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:35 PM (IST)
गुलेरिया ने कहा- डेढ़ से दो माह में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, अनलाॅक के बाद लोग हुए लापरवाह
बचाव के नियमों का सख्ती से करना पड़ेगा पालन

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डाॅ. रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन खत्म होने के बाद लोगों ने एक बार फिर बचाव के नियमों का ठीक से पालन करना बंद कर दिया है। भीड़ भी एकत्रित होने लगी है। इसलिए तीसरी लहर जरूर आएगी। यदि यही स्थिति रही तो डेढ़ से दो माह (छह से आठ सप्ताह) में तीसरी लहर आ सकती है। इसलिए बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

एम्स निदेशक ने कहा- लोगों ने पहली व दूसरी लहर से नहीं लिया कोई सबक 

एम्स निदेशक ने एक बयान में कहा कि अनलाॅक शुरू होने के बाद लोगों में कोरोना से बचाव के व्यवहार में कमी देखी जा रही है। ऐसा लगता है कि लोगों ने पहली व दूसरी लहर से कोई सबक नहीं लिया। सामान्य तौर पर नई लहर तीन माह के अंतराल पर आती है, लेकिन यह इस पर भी निर्भर करेगा कि लोग बचाव के नियमों का कितना पालन करते हैं और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जाते हैं। मामले बढ़ने में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन तीसरी लहर तीन माह के अंतराल से थोड़ा पहले आ सकती है।

गुलेरिया ने कहा- जब तक टीका नहीं लग जाता, संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहेगा

उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी को जल्द टीका लगाना सबसे बड़ी चुनौती है, जब तक टीका नहीं लग जाता, संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहेगा। वायरस में म्युटेशन होने के बाद ही नया स्ट्रेन बाहर से भारत आया और पूरे देश में दूसरी लहर फैल गई। वायरस में अब भी म्यूटेशन हो रहा है। इसलिए नए म्यूटेशन का पता लगाने के लिए अध्ययन करना होगा।

गुलेरिया ने कहा- संक्रमण रोकने का पूरे देश में लाॅकडाउन से बेहतर विकल्प नहीं

उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने का पूरे देश में लाॅकडाउन से बेहतर विकल्प नहीं है। इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। इसलिए संक्रमण की निगरानी जरूरी है, यदि कहीं संक्रमण बढ़ता है तो कंटेनमेंट जोन में लाॅकडाउन किया जाना चाहिए।

संक्रमण से बचाव के लिए मास्क जरूरी, शारीरिक दूरी के नियम का हो पालन

संक्रमण दर पांच फीसद से अधिक होने पर मिनी लाॅकडाउन होना चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग मास्क का इस्तेमाल जरूर करें और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते रहें। 

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