सरकार ने फेसबुक से एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं का मांगा विवरण
भारत ने इस साल से नए आइटी नियम लागू किए हैं जिसका उद्देश्य ट्विटर और फेसबुक सहित बड़ी तकनीकी कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है। इस बीच केंद्र सरकार ने इस इंटरनेट मीडिया कंपनी को पत्र लिखकर उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं का विवरण मांगा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक (Facebook) पर नफरत फैलाने वाले भाषणों और फर्जी खबरों की भरमार के आरोपों के बीच केंद्र सरकार ने इस इंटरनेट मीडिया कंपनी को पत्र लिखकर उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं का विवरण मांगा है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने फेसबुक से उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा भी देने को कहा है।
बता दें कि मई 2021 तक फेसबुक के साथ काम करने वाली हागेन (Haugen) ने दस हजार से अधिक गोपनीय जानकारियों को लीक किया है। इसमें अनेकों ऐसी सूचनाएं हैं जो कंपनी प्रेजेंटेशन और रिसर्च पेपर्स से जुड़ी हैं। हागेन के अनुसार फेसबुक ने अपने एल्गारिदम में कई बदलाव किए हैं जो समाज के लिए खतरनाक है। संपर्क करने पर फेसबुक ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
इस साल की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 53 करोड़ लोग वाट्सएप, 41 करोड़ फेसबुक और 21 करोड़ लोग इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि भारत ने इस साल से नए आइटी नियम लागू किए हैं जिसका उद्देश्य ट्विटर और फेसबुक सहित बड़ी तकनीकी कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
फेसबुक का नया नाम
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को अपनी कंपनी के नए नाम 'मेटा' का ऐलान कर दिया। विभिन्न एप और तकनीकों को इस नए ब्रांड के तहत लाया जाएगा। हालांकि कंपनी अपना कारपोरेट ढांचा नहीं बदलेगी। कंपनी के आग्मेंटेड रियल्टी कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि नया नाम मेटावर्स के निर्माण पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। बता दें कि मेटावर्स शब्द का प्रयोग तीन दशक पहले डायस्टोपियन उपन्यास में किया गया था। हालांकि फिलहाल यह शब्द सिलिकान वैली में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल और इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है। मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी शारीरिक तौर पर मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है। इसके लिए वर्चुअल रियल्टी का इस्तेमाल किया जाता है।