BSF, ITBP और SSB जैसे बलों को आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की योजना पर काम कर रही सरकार

सरकार सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ (BSF) आईटीबीपी (ITBP) और एसएसबी (SSB) जैसे सुरक्षा बलों को सिलसिलेवार तरीके से आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की योजना पर काम रही है। जानें गृह मंत्रालय की पूरी योजना...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 07:01 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 07:01 PM (IST)
BSF, ITBP और SSB जैसे बलों को आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की योजना पर काम कर रही सरकार
सरकार BSF, ITBP और SSB जैसे बलों को आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की योजना बना रही है...

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। सरकार सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ (Border Security Force, BSF), आईटीबीपी (Indo Tibetan Border Police, ITBP) और एसएसबी (Sashastra Seema Bal, SSB) जैसे सुरक्षा बलों को सिलसिलेवार तरीके से आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से मुक्त करने की योजना पर काम रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार का मकसद देश की विभिन्न सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना है।

सूत्रों ने बताया पिछले साल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इन बलों की बैठक में इस योजना पर चर्चा की गई थी। इसके तहत गृह मंत्रालय ऐसी योजना पर काम कर रहा है जिसके तहत चुनाव कराने समेत तमाम आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों का निर्वहन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force, CRPF) करेगा। तीन लाख 25 हजार जवानों से लैस सीआरपीएफ को देश के अग्रणी आंतरिक सुरक्षा बल के तौर पर चिह्न‍ित किया जा चुका है।

अधिकारियों ने बताया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव और बाकी राज्यों में उपचुनाव के दौरान एक नया प्रयोग किए जाने की योजना है। इसके तहत चुनावों में राज्य के पुलिस बल और सीआरपीएफ को 70:30 के अनुपात में तैनात किया जाएगा। इन चुनाव की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ करेगा। धीरे-धीरे सीमा की सुरक्षा करने वाले बलों जैसे बीएसएफ और एसएसबी को चुनाव जिम्मेदारियों से हटा लिया जाएगा।

गृह मंत्रालय की योजना है कि इन तीनों बलों बीएसएफ (Border Security Force, BSF), आईटीबीपी (Indo Tibetan Border Police, ITBP) और एसएसबी (Sashastra Seema Bal, SSB) को चुनाव और कानून व्यवस्था बरकरार रखने जैसी आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों से अगले कुछ वर्षों में मुक्‍त कर लिया जाए। हर साल इन बलों के जवानों को सीमा से हटाकर चुनाव और राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की मदद के लिए तैनात किया जाता है।

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