भारत सरकार ने देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य कला और संस्कृति के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र किए स्थापित

भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार द्वारा देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्यों कला और संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं।

By Ashisha SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:06 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:06 PM (IST)
भारत सरकार ने देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य कला और संस्कृति के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र किए स्थापित
सरकार ने देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य कला और संस्कृति के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र किए स्थापित

दिल्ली, एजेंसी। भारत एक सांस्कृतिक देश है। भारत की कला संस्कृति और सभ्यता का लोहा पूरी दुनिया मांगती है। भारत सरकार द्वारा देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्यों, कला के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार द्वारा देश में आदिवासियों के विभिन्न प्रकार के लोक नृत्यों, कला और संस्कृति के संरक्षण, और प्रचार के लिए सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए हैं।

आदिवासियों की सांस्कृतिक कला को संरक्षण और प्रोत्साहन देगी सरकार

भारत में आदिवासियों की सांस्कृतिक कला को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार ने सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापना की है। ‌ जिसके तहत आदिवासियों की संस्कृति के विभिन्न रूपों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही साहित्य अकादमी विशेष रूप से गैर मान्यता प्राप्त और आदिवासी भाषाओं के संरक्षण और प्रचार के लिए प्रोत्साहित करती है। आदिवासी समाज और संस्कृति के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार प्रचार-प्रसार को भी बढ़ावा देगी। आदिवासियों के लोक नृत्यों, कला और देश में आदिवासियों की संस्कृति के विभिन्न रूपों को आगे लाने के लिए क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ZCC) देश भर में नियमित रूप से विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को समर्थन

जनजातीय मामलों का मंत्रालय 'जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को समर्थन' नामक एक योजना का संचालन कर रहा है। इस योजना के माध्यम से, राज्य सरकारों को जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को उनकी बुनियादी ढांचे की जरूरतों, अनुसंधान और दस्तावेज़ीकरण गतिविधियों, साक्ष्य आधारित कार्रवाई और अनुप्रयुक्त अनुसंधान में समाधान खोजने और विकास, निर्माण और रखरखाव के प्रतिकृति मॉडल बनाने के लिए समर्थन करने के लिए धन प्रदान किया जाता है। जनजातीय संग्रहालयों, जनजातीय उत्सवों का आयोजन, नृत्य, संगीत, चित्रकला आदि में जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए कार्यक्रम प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। 

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