गौरी लंकेश हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला पलटा, आरोपित के खिलाफ संगठित अपराध की धारा बहाल

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार कर लिया और आरोपी मोहन नायक के खिलाफ केसीओसीए के तहत आरोपों को बहाल कर दिया। गौरी लंकेश को 2017 में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 01:40 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 01:40 PM (IST)
गौरी लंकेश हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला पलटा, आरोपित के खिलाफ संगठित अपराध की धारा बहाल
गौरी लंकेश हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला पलटा, आरोपित के खिलाफ संगठित अपराध की धारा बहाल

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें पत्रकार से कार्यकर्ता बनी गौरी लंकेश की 2017 की हत्या के एक आरोपी के खिलाफ कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (KCOCA) के कड़े आरोप वापस लिए गए थे।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने गौरी लंकेश की बहन कविता लंकेश द्वारा दायर एक अपील को स्वीकार कर लिया और आरोपी मोहन नायक के खिलाफ केसीओसीए के तहत आरोपों को बहाल कर दिया। एक फिल्म निर्माता कविता लंकेश ने नायक के खिलाफ संगठित अपराध के तहत आरोपों को रद्द करने के लिए अप्रैल में राज्य उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी।

शीर्ष अदालत ने जून में कहा था कि लंकेश की याचिका पर फैसला होने तक आरोपी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए। बता दें कि अप्रैल 2021 में, उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट को रद्द कर दिया था, साथ ही मामले में पूरक आरोप पत्र और बाद में नायक के खिलाफ KCOCA के आरोप हटा दिए गए थे।

लंकेश ने कहा है कि एसआईटी जांच से पता चला है कि आरोपी एक सिंडिकेट का हिस्सा था जो संगठित अपराध के कई मामलों के पीछे था। याचिका में कई हत्याओं का जिक्र है, जिनमें कार्यकर्ता नरेंद्र दाबोलकर और गोविंद पानसरे शामिल हैं। बता दें कि गौरी लंकेश की 2017 में बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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