Gandhi Jayanti Special: छत्तीसगढ़ का गांव बना गांधीजी के स्वावलंबन की मिसाल

कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र के तेंदूटिकरा में 70 आदिवासी पंडो परिवार रहते हैं। गांधीवाद से प्रेरित ग्रामीणों ने गांव के मध्य गांधी कुटीर का निर्माण किया है। जब कभी कोई समस्या आती है तो ग्रामीण इसी कुटीर में बैठकर उसका निराकरण करते हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 07:23 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 07:23 PM (IST)
Gandhi Jayanti Special: छत्तीसगढ़ का गांव बना गांधीजी के स्वावलंबन की मिसाल
राष्‍ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्‍मदिन पर फाइल फोटो।

कोरबा, राज्‍य ब्‍यूरो। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के छोटे से गांव तेंदूटिकरा में महात्मा गांधी के बताए रास्ते का पूरी आत्मीयता से अनुसरण किया जा रहा है। यहां के पंडो आदिवासी हर समस्या का निराकरण गांधी कुटीर में करते हैं। चाहे बुनियादी सुविधाओं का मामला हो या फिर आपसी विवाद का, यहां के ग्रामीण किसी का मुंह नहीं ताकते। आत्मनिर्भरता व स्वावलंबन के दम पर यह गांव बापू के सपनों का गांव बन गया है।

बिना सरकारी मदद के बनाया तालाब व कुआं

कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र के तेंदूटिकरा में 70 आदिवासी पंडो परिवार रहते हैं। गांधीवाद से प्रेरित ग्रामीणों ने गांव के मध्य गांधी कुटीर का निर्माण किया है। जब कभी कोई समस्या आती है तो ग्रामीण इसी कुटीर में बैठकर उसका निराकरण करते हैं। निस्तारी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने पिछले साल तालाब का निर्माण किया।

इस साल की गर्मी में पेयजल की समस्या दूर करने सभी ग्रामीणों ने मिलकर कुआं खोदा। इसमें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं ली। गांव में आज तक किसी मामले को लेकर पुलिस नहीं पहुंची। सभी विवाद गांधी कुटीर में बैठकर बड़े—बुजुर्गों के हस्तक्षेप से निपटाए जाते हैं। खास बात यह है कि स्वावलंबी ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं लिया। किसी एक का मकान बनाने पूरे गांव के लोग निर्माण सामग्री ईंट, लकड़ी व खपरैल का इंतजाम करने के साथ श्रमदान करते हैं।

हर बार निर्विरोध चुनाव

आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे समुदाय के मुखिया मोहन पंडो ने बताया कि इसी वर्ष ग्राम पंचायत चुनाव में हमारे गांव में आने वाले दो वार्ड में पंच सीताराम पंडो व धरमू यादव निर्विरोध चुने गए। यहां हर बार चुनाव में एकमात्र प्रत्याशी ही खड़ा किया जाता है।

कभी ददरिया तो कभी करमा से उत्साह

ग्रामीण तालाब- कुएं, बंजर भूमि सुधार, मेढ़बंदी आदि कार्यों में एक-दूसरे की मदद करते हैं। इस दौरान वे छत्तीसगढ़ी ददरिया और करमा गीत गाकर एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं। समाज सेवी संगठन एकता परिषद ने यहां आत्मनिर्भर ग्राम बनाने की शुरआत की थी।

कोरबा के उप निर्वाचन अधिकारी कमलेश नंदिनी साहू ने कहा कि  ग्राम पंचायत जलके के आश्रित ग्राम तेंदूटिकरा में आने वाले वार्ड क्रमांक 19 व 20 में पंचों का चुनाव गांव के लोग आपसी सहमति से करते हैं, इसलिए वार्ड से एक प्रत्याशी ही नामांकन दाखिल करता है।

कोरबा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर ने कहा कि तेंदूटिकरा गांव से अब तक आपसी विवाद या अन्य किसी भी प्रकार की शिकायत कोरबी पुलिस चौकी में नहीं पहुंची है। छोटे—मोटे मामले आपस में ही सुलझा लिए जाते हैं।

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