गलवन में झड़प का एक साल : फायर एंड फ्यूरी कोर और भारतीय सेना ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि

पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस मौके पर फायर एंड फ्यूरी कोर ने इन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। सेना ने भी गलवन में शहीद सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 11:58 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 12:21 PM (IST)
गलवन में झड़प का एक साल :  फायर एंड फ्यूरी कोर और भारतीय सेना ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
फायर एंड फ्यूरी कोर और भारतीय सेना ने दी शहीदों को दी श्रद्धांजलि।

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की खूनी झड़प के एक साल पूरे हो गए हैं। पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस मौके पर फायर एंड फ्यूरी कोर ने इन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आकाश कौशिक ने लेह में युद्ध स्मारक पर पुष्पमाला अर्पित की। बता दें कि वार मेमोरियल पर उन सभी 20 शहीदों के नाम लिखे हैं, जिन्होंने अपने से दोगुने से भी अधिक चीनी सैनिकों को मार भगाकर दुश्मन में कभी न भूलने वाली दहशत पैदा कर दी थी।

भारतीय सेना ने भी गलवन घाटी में शहीद अपने सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सेना ने कहा कि थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने और सेना के सभी रैंक के अफसर उन बहादुरों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करते हुए गलवन घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी वीरता राष्ट्र की स्मृति में सदैव अंकित रहेगी।

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— ANI (@ANI) June 15, 2021

इस बीच गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के एक साल बाद, भारतीय सेना ने कई पहलों के माध्यम से पूरे लद्दाख क्षेत्र में खुद को मजबूत किया है। इनमें कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण और चीनी द्वारा किसी भी संभावित आक्रमण से निपटने के लिए अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करना शामिल है। सरकारी अधिकारियों के अनुसार सबसे बड़ी उपलब्धि बुनियादी ढांचे की दृष्टि से रही है क्योंकि सभी अग्रिम मोर्चों तक संपर्क के लिए रोड़ कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी ने पूरे वर्ष अग्रिम मोर्चों पर आपूर्ति जारी रखने में मदद की है और हमें कुछ ही समय में सैनिकों को तैनात करने की क्षमता प्रदान की है। भारतीय सेना ने लद्दाख के साथ-साथ पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भी अपनी तैनाती को मजबूत कर दिया है। उसने अब चीन से निपटने के लिए एक अतिरिक्त स्ट्राइक कोर को तैनात किया है।

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