केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी जानकारी, कब लांच होगा गगनयान मिशन, क्‍यों हुई देरी

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत के गगनयान मिशन को वर्ष 2022 के अंत या वर्ष 2023 की शुरुआत में अंतरिक्ष में भेजे जाने की संभावना है। गगनयान को वर्ष 2022 के अंत तक भेजा जाना था लेकिन कोविड-19 की महामारी के चलते इसमें देर हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:29 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:29 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी जानकारी, कब लांच होगा गगनयान मिशन, क्‍यों हुई देरी
भारत के गगनयान मिशन को वर्ष 2022 के अंत या वर्ष 2023 की शुरुआत में भेजे जाने की संभावना है।

 नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत के गगनयान मिशन को वर्ष 2022 के अंत या वर्ष 2023 की शुरुआत में अंतरिक्ष में भेजे जाने की संभावना है। गगनयान को वर्ष 2022 के अंत तक भेजा जाना था, लेकिन कोविड-19 की महामारी के चलते इसमें देर हुई। इस अभियान का लक्ष्य पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष यात्री भेजना है।

2022 के अंत या 2023 की शुरुआत में लांच हो सकता है 'गगनयान' 

उन्होंने कहा, 'वास्तव में हम इसे वर्ष 2022 में कर सकते थे। हमने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के साथ इसे करने की योजना भी बनाई थी, लेकिन कोविड-19 के कारण ऐसा नहीं हो सकेगा। हालांकि, मैं आश्वस्त हूं कि अगले साल के अंत तक या वर्ष 2023 की शुरुआत में, हम इसे निश्चित तौर पर कर लेंगे।' सरकार के मुताबिक अकादमिक संस्थानों से संबद्ध चार जैविक और दो सूक्ष्म गुरुत्व प्रयोगों का चयन गगनयान कार्यक्रम के लिए किया गया है।

तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने में अंतरिक्ष औषधि की भी बड़ी भूमिका

अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री ने फ्यूचर आफ इंडिया-ओसियानिया स्पेस टेक्नोलाजी पार्टनरशिप पर आयोजित एक वेबिनार में कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने हर क्षेत्र में भूमिका निभाई है। यह आपदा प्रबंधन में भी मददगार है। वेबिनार का आयोजन फेडरेशन आफ इंडिया चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने किया था। मंत्री ने कहा कि तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने में अंतरिक्ष औषधि की भी बड़ी भूमिका है।

सिंह ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप व उद्योगों तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया व प्रशांत द्वीपीय देश भारत के साथ सहयोग बढ़ाते हुए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में साझेदारी कर सकते हैं।

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