'कोई नया वैरिएंट नहीं आया तो दूसरी लहर की तरह भयावह नहीं होगी तीसरी लहर'
मार्च और मई के बीच देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान ले ली और लाखों लोगों को संक्रमित किया। शीर्ष वायरस विज्ञानी गगनदीप कांग ने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट नहीं आता है तो दूसरी लहर की जितनी भयानक तीसरी लहर नहीं होगी।
नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना संक्रमण का कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आता है, तो महामारी की तीसरी लहर दूसरी लहर की तरह भयानक नहीं होगी। शीर्ष वायरस विज्ञानी गगनदीप कांग ने शुक्रवार को यह बात कही।उन्होंने बेहतर टीकों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया जो नए वैरिएंट से निपट सकते हैं, और नियामक तंत्र को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई नया वैरिएंट नहीं सामने आता है तो दूसरी लहर की जितनी बड़ी और भयानक तीसरी लहर नहीं होगी। हम कुछ जगहों पर मामलों में बढोतरी देखेंगे, जहां असुरक्षित आबादी है और जहां वायरस पहले नहीं रहा है।
मार्च और मई के बीच देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान ले ली और लाखों लोगों को संक्रमित किया, जिससे स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा चरमरा गया था। वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज की प्रोफेसर कांग ने सीआइआइ लाइफ साइंसेज कान्क्लेव में वर्चुअली बोलते हुए कहा, 'क्या कोविड खत्म हो गया? नहीं ऐसा नहीं हुआ है। क्या कोरोना खत्म होने जा रहा है? निकट भविष्य में अभी नहीं।'
पिछले माह कांग ने कहा था, 'अप्रैल-मई में आई कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद देश में महामारी की रफ्तार धीमी हो रही है। ऐसे में स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जा सकता है। इसके अलावा उन्होंने शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को कोविड से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने की सलाह दी।' कांग महामारी से बचाव की तैयारी के लिए सरकार के बनाए बोर्ड की उप प्रमुख भी हैं। स्कूलों को खोलने को लेकर कांग ने कहा था कि अब इसमें कठिनाई नहीं है। हालांकि उन्होंने स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से और अच्छी तरह से सैनिटाइज करने के बाद खोलने को कहा। उन्होंने कहा कि स्कूलों का सैनिटाइजेशन नियमित तौर पर होना चाहिए। कक्षाओं को शिफ्टों में लगाना चाहिए। क्लास रूम में बच्चों के लिए फेस मास्क जरूरी होना चाहिए और उनके बीच शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी होना चाहिए। शिक्षक और बाकी के स्टाफ को वैक्सीन लगी होनी चाहिए।