मोदी सरकार के 7 साल में भारत से चोरी हुए 75 फीसदी विरासत वापस आई: जी किशन रेड्डी

जी किशन रेड्डी ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार के सात वर्षों के दौरान भारत से चुराई गई विरासत का 75 प्रतिशत वापस हासिल कर लिया है। 2014 के बाद से भारत में 41 विरासत वस्तुओं को वापस लाया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 02:12 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 02:12 PM (IST)
मोदी सरकार के 7 साल में भारत से चोरी हुए 75 फीसदी विरासत वापस आई: जी किशन रेड्डी
1976 से अब तक विदेशों से कुल 54 वस्तुओं को वापस लाया गया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने गुरुवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के सात वर्षों के दौरान भारत से चुराई गई विरासत का 75 प्रतिशत वापस हासिल कर लिया है। राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में रेड्डी ने कहा कि 1976 से अब तक विदेशों से कुल 54 वस्तुओं को वापस लाया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह गर्व की बात है कि हम अपनी कई चोरी की विरासत को विदेशों से प्राप्त करने में सक्षम रहे हैं। पिछले सात वर्षों में बरामद किए गए पुरावशेषों की संख्या अब तक की सबसे अधिक है। 2014 के बाद से भारत में 41 विरासत वस्तुओं को वापस लाया गया है, जो कुल लौटाई गई वस्तुओं के 75 प्रतिशत से अधिक है।

रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका श्रेय देते हुए कहा कि पीएम के अथक प्रयासों से विदेशों से इन पुरावशेषों की पुनर्प्राप्ति हुई है। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि हाल की सफलता हमारे लगातार सुधरते सांस्कृतिक संबंधों के कारण है जो हमारे प्रधानमंत्री के विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों के साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंधों के कारण संभव हुए हैं और इसलिए उनकी शीघ्र वापसी संभव हो पाई है।'

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि नेहरू-गांधी परिवार के क्रमिक नेता भारत की सांस्कृतिक और सभ्यतागत संपदा की रक्षा करने के बजाय अपने लिए धन अर्जित करने में अधिक रुचि रखते थे। रेड्डी ने कहा, '1976 के बाद से कांग्रेस सरकार जिसने लगभग 25 वर्षों तक शासन किया है, 10 से कम प्राचीन वस्तुओं को वापस ला सकी। यह प्रतिबद्धता और सम्मान की कमी को दर्शाता है जो कि हमारी भारतीय सभ्यता की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में दिखाई गई थी।

रेड्डी ने इस प्रयास में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों के अथक प्रयासों की भी सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारतीय कलाकृतियों और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण भारत की विदेश नीति का एक अभिन्न अंग है। इसलिए इन ऐतिहासिक वस्तुओं को वापस लाना और भारत के गौरव को बहाल करने की एक प्रक्रिया है। हम इस प्रक्रिया में तेजी लाने और तत्काल वापसी के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई के लिए विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

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