पंजाब में किसान आंदोलन के चलते कई राज्यों में मालगाड़ियों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित, कई यात्री ट्रेनें भी रद
पंजाब (Punjab) के कई हिस्सों में अनिश्चितकालीन किसान रेल रोको (Kisan Rail Roko) आंदोलन ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) समेत कई राज्यों में मालगाड़ियों (Freight train) की आवाजाही को बुरी तरह प्रभावित किया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के कई हिस्सों में अनिश्चितकालीन 'किसान रेल रोको' (Kisan Rail Roko) आंदोलन ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) समेत कई राज्यों में मालगाड़ियों की आवाजाही को बुरी तरह प्रभावित किया है।
बता दें कि पंजाब में किसान संसद से पारित विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठन इन कृषि कानूनों को रद करने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं। किसानों के आंदोलन को देखते हुए उत्तर रेलवे ने कई यात्री ट्रेनों को भी रद कर दिया है। उत्तर रेलवे (Northern Railways) के मुताबिक, इससे अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। किसानों के आंदोलन के कारण माल ढुलाई ठप पड़ी हुई है।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार (Deepak Kumar) ने कहा कि मालगाड़ी सेवा ठप पड़ने के साथ ग्राहक को आश्वस्त करना मुश्किल है कि उनका माल समय पर उनके गंतव्य स्थान तक पहुंच जाएगा। किसान आंदोलन के चलते मालगाड़ी सेवा ठप पड़ने से कोयला, सीमेंट, उर्वरक और कंटेनरों का परिवहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। आंदोलन के चलते कई दूसरी ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर रेलवे औसतन प्रतिदिन पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर करते हुए लगभग 50 से 70 मालगाड़ियों का संचालन करता है। यही कारण है कि किसान आंदोलन के चलते इन राज्यों में माल ढुलाई प्रभावित हुई है।
बीते छह अक्टूबर को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपना रेल रोको आंदोलन और रेल ट्रैकों पर धरना प्रदर्शन को बंद करने की गुजारिश की थी। उन्होंने कहा था कि रेल रोको आंदोलन के कारण राज्य में कोयले, यूरिया और डीएपी भारी कमी हो गई है। यही नहीं थर्मल प्लांटों के पास कोयले का भंडार भी कम हो गया है। इससे राज्य में बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है। यही नहीं धान के सीजन के बावजूद अनाज दूसरे राज्यों को न भेजे जाने की वजह से गोदाम भी खाली नहीं हो पा रहे हैं।