Integrated BEd: चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की अगले सत्र से होगी शुरुआत, एनसीटीई ने जारी किया नोटीफिकेशन

भारत में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को मंजूरी दी गई है। इसकी शुरुआत अगले शैक्षणिक सत्र से होगी। जिसमें कोई भी छात्र अब बारहवीं के बाद प्रवेश ले सकेगा। फिलहाल जो नए कोर्स शुरू किए गए हैं उनमें बीए-बीएड बीएससी-बीएड और बीकाम-बीएड शामिल है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 09:52 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:57 AM (IST)
Integrated BEd: चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स की अगले सत्र से होगी शुरुआत, एनसीटीई ने जारी किया नोटीफिकेशन
2030 से सिर्फ इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को करने वाले ही शिक्षक स्कूलों में पढ़ाएंगे (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूली शिक्षा के ढांचे के साथ ही केंद्र सरकार ने शिक्षकों से जुड़ी शिक्षा में भी बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ाया है। इसके तहत चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को मंजूरी दी गई है। इसकी शुरुआत अगले शैक्षणिक सत्र से होगी। जिसमें कोई भी छात्र अब बारहवीं के बाद प्रवेश ले सकेगा। फिलहाल, जो नए कोर्स शुरू किए गए हैं, उनमें बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकाम-बीएड शामिल है। खासबात यह है कि 2030 से स्कूलों में सिर्फ चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स करने वाले शिक्षकों ही भर्ती होगी।

अभी सिर्फ पचास संस्थानों को ही इसे शुरू करने की मिलेगी अनुमति

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) से जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी है। फिलहाल इस कोर्स की शुरुआत अभी सिर्फ देश के पचास शिक्षण संस्थानों से ही की जाएगी। बाद में इसे और विस्तार दिया जाएगा। इस कोर्स से शिक्षक बनने का सपना देख रहे छात्रों की पढाई न सिर्फ चार साल में पूरी होगी, बल्कि उन्हें दोहरी डिग्री भी मिलेगी। अभी शिक्षक बनने के लिए तीन साल तक ग्रेजुएशन और दो साल का बीएड का कोर्स करना होता है। ऐसे में कुल पांच साल लगते हैं। इन नए कोर्स से अब ऐसे छात्रों का एक साल का समय भी बचेगा। वहीं, इस कोर्स में दाखिला एनटीए के जरिए होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद इस प्रोग्राम को तेजी से शुरू करने का दबाव था।

देशभर के स्कूलों में मौजूदा समय में विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शिक्षकों की शिक्षा से जुड़े इस अहम प्रोग्राम को पिछले हफ्ते ही मंजूरी दे दी है। साथ ही इसे लेकर जल्द ही नोटीफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए थे। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इससे न सिर्फ विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी खत्म होगी, बल्कि निष्ठावान और शिक्षक भी तैयार होंगे। वैसे भी देशभर के स्कूलों में मौजूदा समय में विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी है। खासकर विज्ञान, गणित जैसे विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है।

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