सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व जजों ने कहा- विरोध दबाने के लिए राजद्रोह कानून और यूएपीए का हो रहा दुरुपयोग

समय के साथ इन कानूनों का दुरुपयोग बढ़ता गया है और अब इन्हें खत्म करने का समय आ गया है। सुरक्षा से जुड़े विशेष कानूनों में व्यापक सुधार की जरूरत है क्योंकि ये व्यापक अधिकार देते हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:24 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व जजों ने कहा- विरोध दबाने के लिए राजद्रोह कानून और यूएपीए का हो रहा दुरुपयोग
चारों पूर्व न्यायाधीशों ने की राजद्रोह कानून और यूएपीए को रद करने की वकालत

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीशों ने शनिवार को कहा कि विरोध और सरकार से सवाल पूछने वालों की आवाज को दबाने के लिए राजद्रोह कानून और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) का दुरुपयोग किया जा रहा है। चारों पूर्व न्यायाधीशों ने इन दोनों कानूनों को रद करने की वकालत की।

पूर्व न्यायाधीश आलम ने कहा- यूएपीए राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक स्वतंत्रता मामलों में विफल

फादर स्टेन स्वामी की मौत का उल्लेख करते हुए पूर्व न्यायाधीश आफताब आलम ने कहा कि यूएपीए ने राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक स्वतंत्रता दोनों ही मामलों में हमें विफल किया है।

गलत तरीके से फंसाए गए लोगों को रिहा होने के बाद मिलना चाहिए मुआवजा: पूर्व जस्टिस लोकुर

जस्टिस आलम के साथ ही सुप्रीम कोर्ट अन्य पूर्व जस्टिस दीपक गुप्ता, मदन बी लोकुर और गोपाल गौडा एक परिचर्चा में बोल रहे थे। जस्टिस लोकुर का कहना था कि गलत तरीके से फंसाए गए लोगों को रिहा होने के बाद मुआवजा मिलना चाहिए।

पूर्व जस्टिस गुप्ता ने कहा- राजद्रोह कानून और यूएपीए को खत्म करने का समय आ गया

पूर्व जस्टिस गुप्ता ने कहा कि समय के साथ इन कानूनों का दुरुपयोग बढ़ता गया है और अब इन्हें खत्म करने का समय आ गया है। जस्टिस गौडा ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े विशेष कानूनों में व्यापक सुधार की जरूरत है, क्योंकि ये व्यापक अधिकार देते हैं जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

chat bot
आपका साथी