निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू

अपनी याचिका में मैथ्यू ने आरोप लगाया है कि बांधी गई समयसीमा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा तय कानून का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमानत देने का आदेश एक निश्चित अवधि तक सीमित नहीं होना चाहिए।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 10:37 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 10:37 PM (IST)
निचली अदालत के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे केरल के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यू
तिरुअनंतपुरम सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ दाखिल कराई है याचिका

कोच्चि, एएनआइ। केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिबी मैथ्यू ने केरल हाई कोर्ट में शुक्रवार को तिरुअनंतपुरम सत्र अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल कराई है। सत्र कोर्ट ने इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नांबी नारायण एवं अन्य को 1994 के जासूसी मामले में फंसाने की साजिश रचने के सिलसिले में अग्रिम जमानत की समयसीमा निर्धारित की है।

अपनी याचिका में मैथ्यू ने आरोप लगाया है कि बांधी गई समयसीमा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा तय कानून का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमानत देने का आदेश एक निश्चित अवधि तक सीमित नहीं होना चाहिए। अग्रिम जमानत आदेश सुनवाई के अंत तक जारी रह सकता है।'

याचिका में कहा गया है कि यह ध्यान देना जरूरी है कि आरोप 1994 में हुई घटना से संबंधित हैं, इसलिए मामले की जांच में याचिकाकर्ता से हिरासती पूछताछ जरूरी नहीं है। मैथ्यू इस मामले में चौथे आरोपित हैं। मामले के अन्य आरोपितों में एस. विजयन (पूर्व सर्किल इंस्पेक्टर), थांपी एस. दुर्गादत्त (पूर्व सब इंस्पेक्टर) और वीआर राजीवन (पूर्व पुलिस आयुक्त) शामिल हैं।

सीबीआइ की जांच ने पकड़ी रफ्तार

वहीं, इसरो जासूसी मामले की हाल ही में फिर से शुरू की गई जांच अब रफ्तार पकड़ती दिखाई दे रही है। सीबीआइ की दिल्ली यूनिट ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार की गई दोनों महिलाओं के बयान दर्ज करने का फैसला किया है और इसके लिए अधिकारी जल्द ही मालदीव व श्रीलंका जाएंगे।

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