Coronavirus Treatment: सन फार्मा ने कोरोना के लिए भारत में फेविपिराविर लांच की, जानिए कितनी कीमत होगी प्रति टेबलेट

सन फार्मा के भारतीय सीईओ कीर्ति गनोरकर ने कहा हम काफी रोगियों को दवा सुलभ कराने के लिए किफायती मूल्य पर फ्लूगार्ड लांच कर रहे हैं जिससे वित्तीय बोझ कम होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 06:15 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 06:15 AM (IST)
Coronavirus Treatment: सन फार्मा ने कोरोना के लिए भारत में फेविपिराविर लांच की, जानिए कितनी कीमत होगी प्रति टेबलेट
Coronavirus Treatment: सन फार्मा ने कोरोना के लिए भारत में फेविपिराविर लांच की, जानिए कितनी कीमत होगी प्रति टेबलेट

मुंबई, एएनआइ।  दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा ने मंगलवार को कहा कि उसने भारत में हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए किफायती मूल्य पर फेविपिराविर (200 मिलीग्राम) लांच की है। इस दवा को फ्लूगार्ड के नाम से जारी किया गया है। इसकी कीमत 35 रुपये प्रति टेबलेट होगी। फेविपिराविर एकमात्र मौखिक एंटी-वायरल दवा है, जिसे हल्के से मध्यम कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए अनुमोदित किया गया है।

सन फार्मा के भारतीय कारोबार की सीईओ कीर्ति गनोरकर ने कहा कि भारत में प्रतिदिन 50,000 से अधिक कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। उनके उपचार के लिए चिकित्सकों को अधिक विकल्प उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने एक बयान में कहा, हम अधिक से अधिक रोगियों को दवा सुलभ कराने के लिए किफायती मूल्य पर फ्लूगार्ड लांच कर रहे हैं, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम होगा।

यह महामारी से निपटने में भारत की मदद के हमारे प्रयासों के अनुरूप है। कंपनी देश भर में मरीजों को फ्लूगार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार और चिकित्सा समुदाय के साथ मिलकर काम करेगी। फ्लूगार्ड इस सप्ताह बाजार में उपलब्ध करा दी जाएगी। सन फार्मा दुनिया की चौथी सबसे बड़ी जेनेरिक और भारत की शीर्ष दवा कंपनी है।

हेटोरो ने उतारी थी फेविपिर नाम दवा 

इससे पहले दवा निर्माता कंपनी हेटोरो ने कोरोना के इलाज के लिए 'फेविपिर' नाम की गोली बाजार में उतारी थी, जिसकी कीमत प्रति गोली 59 रुपए है। यह गोली हल्के और मध्यम तीव्रता के कोरोना पीड़ि‍तों के इलाज में कारगर होगी। हेटोरो ने अपने एक बयान में बताया था कि भारत के औषधि महानियंत्रक (Drug Controller General of India, DCGI) ने कंपनी को फेविपिराविर दवा बनाने और उसकी मार्केटिंग की अनुमति दी। कंपनी ने भारत में इसे फेविपिर नाम से बाजार में उतारा है।

ग्लेनमार्क फॉर्मास्युटिकल्स ने फेविपिराविर संस्‍करण की दवा  

इससे पहले ग्लेनमार्क फॉर्मास्युटिकल्स ने कहा था कि फेविपिराविर संस्करण की उसकी एंटी-फ्लू दवा कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में असरदार पाई गई। कंपनी के मुताबिक जिन मरीजों को उसकी फैबीफ्लू दवा दी गई, वो सामान्य दवा लेने वाले मरीजों की तुलना में 29 फीसद ज्यादा कारगर तरीके से कोरोना को मात देने में सफल रहे। इनमें से 70 फीसद मरीज चार दिन के 'क्लीनिकल इलाज' में ही ठीक हो गए, जबकि, अस्पताल में सामान्य इलाज पा रहे 45 फीसद मरीज इस दौरान ठीक हुई। कंपनी को लिखे पत्र में डीसीजीआइ के डॉ. वीजी सोमानी ने कहा कि एक सांसद ने जानकारी दी है कि फेबिफ्लू (फेविपिराविर) से इलाज का खर्च 12,500 रुपये के करीब आएगा। ग्लेनमार्क ने पिछले महीने 103 रुपये प्रति टेबलेट की कीमत के साथ फेबिफ्लू को लांच किया था। 13 जुलाई को कंपनी ने इसकी कीमत 27 फीसद कम करते हुए 75 रुपये प्रति टेबलेट करने की बात कही थी। 

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