बाढ़ से बेहाल है पश्चिम बंगाल, कई इलाके हैं जलमग्न; आज भी बारिश की संभावना

हाई टाइड की स्थिति के साथ लगातार बारिश ने शहर के अधिकांश हिस्सों और दक्षिण बंगाल के प्रमुख क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है। मौसम विभाग ने स्थिति को और खराब बताते हुए बुधवार को कोलकाता और दक्षिण बंगाल के कई जिलों में और बारिश होने की संभावना जताई है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:55 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:07 AM (IST)
बाढ़ से बेहाल है पश्चिम बंगाल, कई इलाके हैं जलमग्न; आज भी बारिश की संभावना
बाढ़ से बेहाल है पश्चिम बंगाल, कई इलाके हैं जलमग्न, आज भी बारिश की संभावना

नई दिल्ली, एजेंसी। देश में मानसून की बारिश के कारण पश्चिम  बंगाल समेत अनेकों राज्यों में बाढ़ के कारण हालात खराब हैं। पश्चिम मेदिनीपुर में बारिश की वजह से घाटल उपमंडल के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए नावों का उपयोग कर रहे हैं।  इसी तरह गुजरात में 16 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। इसके अलावा बिहार, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल आदि राज्यों के कुछ इलाकों में भी अभी हालात ठीक नहीं हैं।

पश्चिम बंगाल में बाढ़ ने बिगाड़े हालात 

हाई टाइड की स्थिति के साथ लगातार बारिश ने शहर के अधिकांश हिस्सों और दक्षिण बंगाल के प्रमुख क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है। मौसम विभाग ने स्थिति को और खराब बताते हुए बुधवार को कोलकाता और दक्षिण बंगाल के कई जिलों में और बारिश होने की संभावना जताई है।

पश्चिम बंगाल: पश्चिम मेदिनीपुर में बारिश की वजह घाटल उपमंडल के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए नावों का उपयोग कर रहे हैं। pic.twitter.com/66adlYSIAr

— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2021

असम की नदियों का जलस्तर हुआ कम

पिछले माह के अंत में ही असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने लगा था। राज्य में हिमालय से घाटी में बहने वाली नदियों का जलस्तर कम हो गया जिसके बाद वहां आए बाढ़ का पानी घटने लगा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा इस माह की शुरुआत मे जारी बुलेटिन के अनुसार, राज्य के नौ जिलों में बाढ़ से 16,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए।

उल्लेखनीय है कि मानसून की बारिश से अगस्त में बिहार, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भीषण तबाही हुई। केरल में सबसे अधिक लोगों की जान चली गई। वहां राहत शिविर बनाए गए जिसमें लगभग ढाई लाख लोगों ने शरण ली। राहत शिविरों में प्रशासन की ओर से आवश्यक चीजें मुहैया करवाई गई। इस प्राकृतिक आपदा से जूझने में NDRF और SDRF की टीमें लगी रहीं।

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