मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर, कई जिलों में हालात भयावह, बचाव कार्य में लगी सेना; जानें- अपडेट

ग्वालियर-चंबल अंचल में शुरू हुई बारिश के कारण शिवपुरी-श्योपुर ग्वालियर के डबरा-भितरवार में बाढ़ के हालात हैं। अंचल के लगभग सभी बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं। इस कारण दो सैकड़ा से अधिक गांव टापू बन गए हैं और हजारों लोग बाढ़ में फंस गए हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:42 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:35 PM (IST)
मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर, कई जिलों में हालात भयावह, बचाव कार्य में लगी सेना; जानें- अपडेट
मप्र में सैकड़ों गांव टापू बन गए हैं और हजारों लोग बाढ़ में फंसे हैं (फाइल फोटो)

भोपाल, जेएनएन। ग्वालियर-चंबल संभाग के कई जिलों में अभी भी बाढ़ के हालात भयावह हैं। कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने के कारण मुरैना-भिंड में खतरा बढ़ रहा है। यहां के लिए सेना की अतिरिक्त टुकड़ी बुलाई जा रही है। सिंध नदी का रौद्र रूप बरकरार है। बुधवार को दतिया और शिवपुरी जिले में एक-एक पुल ढह गया। भिंड में भी एक पुल के ढहने की आशंका जताई जा रही है। शिवपुरी-श्योपुर में भीषण बाढ़ के बाद हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाके का हवाई सर्वे किया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देश किये कि राहत सामग्री का वितरण युद्घस्तर पर किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि भिंड और मुरैना दोनों जिलों के लिए अलग से सेना बुलाने को लेकर भी बात हो गई है। हालांकि मौसम खराब होने की वजह से वे भिंड और मुरैना नहीं जा सके। उधर करैरा-नरवर में फंसे सैकड़ों लोगों को निकालने के लिए बबीना से आई सेना की बाढ़ नियंत्रण टुकड़ी ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है। श्योपुर और शिवपुरी की बीच कूनो पुल टूटने से दोनों जिलों के बीच आवागमन बंद है।

गुना में 48 घंटे से बाढ़ में घिरे 51 गांव, 200 का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा

गुना जिले में पिछले 48 घंटे से बाढ़ में 51 गांव घिरे हुए हैं। अभी तक 200 से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है। पिछले सात दिनों से लगातार हो रही बारिश से पूरे जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदियां उफान पर होने से आसपास के गांव के लोगों को सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे वाले गांवों में खतरे की मुनादी करवा दी है। कलेक्टर फ्रेंकनोबल ए. ने बताया कि मौसम विभाग ने जिले में आगामी 48 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसे देखते हुए राहत व बचाव के बारिश पूर्व के समुचित इंतजाम किए गए हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों को तैनात किया गया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में आगामी एक महीने का राशन हितग्राहियों को वितरित करवाया जा रहा है।

आधा दर्जन से अधिक नदियों में पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर

अगस्त माह की शुरआत से मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में शुरू हुई बारिश के कारण शिवपुरी-श्योपुर, ग्वालियर के डबरा-भितरवार में बाढ़ के हालात हैं। लगातार तेज बारिश के कारण सिंध, पार्वती, चंबल और श्योपुर की आधा दर्जन से अधिक नदियों में पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है। अंचल के लगभग सभी बांध ओवरफ्लो चल रहे हैं।

दो सैकड़ा से अधिक गांव टापू बन गए, हजारों लोग बाढ़ में फंसे

इस कारण दो सैकड़ा से अधिक गांव टापू बन गए हैं और हजारों लोग बाढ़ में फंस गए हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भोपाल से बाढ़ के हालातों पर निगाह बनाए हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री से बचाव कार्य के लिए सेना की मदद मांगी। मंगलवार रात को सेना की कुछ टुकडि़यां पहुंच गईं। कुछ टुकडि़यां बुधवार सुबह शिवपुरी, श्योपुर, डबरा और भितरवार पहुंची हैं।

कई गांव खाली कराए गए

इधर, मुरैना जिले में चंबल-क्वारी किनारे के कई गांवों के रास्ते बंद हो गए हैं। प्रशासन लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। चंबल और क्वारी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। देर रात तक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता गया। इस कारण चंबल नदी व क्वारी नदी किनारे के कई गांवों के रास्ते, पुल, रपटे, पुलिया डूब गए हैं। प्रशासन ने सात गांव खाली करवाए हैं। मंगलवार को शिवपुरी और श्योपुर में पूरे बारिश के सीजन के बराबर करीब 800 मिमी बारिश हो चुकी हैं। मौसम विभाग ने पूरे अंचल में अतिवर्षा की आशंका जताई है।

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