नक्सलियों पर नकेल को दंतेवाड़ा में खुलेंगे पांच नए कैंप व सात थाने, नक्सल मुक्त बनाने की कवायद तेज

इस योजना के तहत नए कैंपों में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के जवानों की तैनाती की जाएगी। जिन इलाकों में कैंप खोले जा रहे हैं वहां सड़क बिजली पानी स्कूल अस्पताल राशन की दुकान जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:23 PM (IST)
नक्सलियों पर नकेल को दंतेवाड़ा में खुलेंगे पांच नए कैंप व सात थाने, नक्सल मुक्त बनाने की कवायद तेज
नक्सल बाहुल्य गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की चल रही तैयारी

प्रदीप गौतम, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले को नक्सल मुक्त बनाने के लिए पांच नए कैंप और सात थाने खोले जाएंगे। जिले से नक्सलवाद का दायरा लगातार सिकुड़ रहा है। फोर्स उन इलाकों तक पहुंच चुकी है, जो नक्सलगढ़ के तौर पर बदनाम थे और अति दुर्गम व पहुंच विहीन माने जाते थे। अब जिले का कुछ ही इलाका ऐसा बचा है, जहां तक फोर्स नहीं पहुंच पाई है। ऐसे इलाकों तक पहुंचने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी चल रही है।

इस योजना के तहत नए कैंपों में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के जवानों की तैनाती की जाएगी। जिन इलाकों में कैंप खोले जा रहे हैं, वहां सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन की दुकान जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। कैंप खुलेंगे तो गांवों तक सड़कें पहुंचने लगेंगी और सप्लाई चेन बन जाएगी। इससे नक्सलियों को इलाके से दूर जाना होगा।

बीते एक साल में सुरक्षा बल को काफी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डा. अभिषेक पल्लव ने एक रजिस्टर तैयार कराया, जिसमें करीब पंद्रह सौ नक्सलियों के नाम हैं। पुलिस उनके घर जाकर स्वजन को समझा रही है। इसका व्यापक असर हुआ है। अब तक 368 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

यहां खुलेंगे नए कैंप

सीएएफ के नए कैंप नहाड़ी, रेवाली, गोंडेरास, गुमियापाल, बड़ेपल्ली में खोले जाएंगे। मानसून के बाद इन गांवों में जवानों की तैनाती कर दी जाएगी। कैंप न होने से इन इलाकों में नक्सलियों की मनमानी चलती है और ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ न के बराबर मिल पाता है। अब नक्सलियों के मुख्य रास्तों पर फोर्स का पहरा हो जाएगा।

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