केरल राजनीति की 'आयरन लेडी' गौरी अम्मा का निधन, रह चुकीं हैं राज्य की पहली राजस्व मंत्री

केरल की पहली राजस्व मंत्री केआर गौरी अम्मा का मंगलवार को निधन हो गया। वे 102 साल की थीं। 14 जुलाई 1919 में केरल के अलाप्पुझा जिले के पट्टानक्कड़ में जन्मी गौरी अम्मा ने तिरुवनंतपुरम स्थित गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:30 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:30 AM (IST)
केरल राजनीति की 'आयरन लेडी' गौरी अम्मा का निधन, रह चुकीं हैं राज्य की पहली राजस्व मंत्री
केरल की पहली राजस्व मंत्री गौरी अम्मा का निधन, 102 साल थी उम्र

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल (Kerala) की राजनीति में हमेशा आयरन लेडी (Iron Lady) के नाम से जानी जाने वाली गौरी अम्मा ने एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली। यहां उन्हें उम्रजनित बीमारियों के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। वे 1957 में दुनिया की पहली लोकतांत्रिक तौर पर निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार के मंत्रिमंडल की सदस्य थीं । मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने दिवंगत गौरी अम्मा को श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक साहसी योद्धा बताया। ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन शोषण व अत्याचार को खत्म करने व बेहतर समाज की सथापना करने में लगाया।

Com. K R Gauri was a brave fighter, dedicated her life to end exploitation, build an egalitarian society. She made seminal contributions in building the Communist movement & as an administrator. Let's show respects, by pledging to build a more progressive society. Red Salute! pic.twitter.com/NYzyv8wyjD— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) May 11, 2021

14 जुलाई 1919 में केरल के अलाप्पुझा जिले के पट्टानक्कड़ में जन्मी गौरी अम्मा ने  तिरुवनंतपुरम स्थित गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। केरल की पहली विधानसभा से शुरुआत करने वाली गौरी अम्मा 1977 में हार गई थीं लेकिन दोबारा अगले चुनाव में जीत कर आई और वर्ष 2006 तक विधायक रहीं। उनकी उपलब्धियों में से एक गरीबों को भूमि सुनिश्चित करने के लिए भूमि सुधार विधेयक (Land Reform Bill) है जिसकी शुरुआत उन्होंने की थी। उन्होंने विभिन्न सरकारों में मंत्री के रूप में कार्य किया। 

उनके लंबे राजनीतिक करियर में 16 सालों तक कम्युनिस्ट व कांग्रेस के 6 कैबिनेट में वे राज्य मंत्री रहीं। उन्हें 1994 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था और इसने जनाधिपति समृद्धि समिति (JSS) का गठन किया। इसके बाद, गौरी अम्मा यूडीएफ में शामिल हो गईं और यूडीएफ सरकार में मंत्री बन गईं। वह आखिरी बार 2011 में चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं।

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