कोरोना मरीजों को इलाज के लिए नकद लेनदेन की छूट : वित्त मंत्रालय

आयकर अधिनियम की धारा 269-एसटी को निलंबित करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता मनीषा गुप्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन पुरी के माध्यम यह मामला उठाया। उन्होंने दलील दी कि इसके कारण अस्पतालों में मरीजों के इलाज में समस्या आ रही है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 11:59 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 11:59 PM (IST)
कोरोना मरीजों को इलाज के लिए नकद लेनदेन की छूट : वित्त मंत्रालय
इलाज के लिए दो लाख रुपये तक नकद लेनदेन की छूट पर केंद्र सहमत

नई दिल्ली, एएनआइ। वित्त मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण का इलाज कराने वाले मरीजों को अस्पताल, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम, कोविड केयर और इसी तरह की अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए नकद लेनदेन की छूट दे दी है। गौरतलब है कि इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 269एसटी के मुताबिक, दो लाख या उससे अधिक का कैश लेने पर किसी संस्थान पर जुर्माना हो सकता है। इस वजह से लोगों के सामने बड़ी समस्या आ रही है, क्योंकि अस्पतालों ने दो लाख या उससे ज्यादा का कैश पेमेंट लेने से इनकार कर दिया है। इस वजह से छोटे शहरों और गांवों में, जहां लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग को लेकर ज्यादा पता नहीं है या इनकम टैक्स के नियमों के बारे में स्पष्ट नहीं हैं, उनके सामने काफी दिक्कतें आ रही हैं।

Finance Ministry exempts Hospitals, Dispensaries, Nursing Home, Covid Care Centres of similar other medical facilities providing treatment to #COVID19, for the purpose of Section 269ST of Income Tax Act. for payment received in cash during 1-4-2021 to 31-5-2021. pic.twitter.com/y0WeDb0OCc— ANI (@ANI) May 7, 2021

इलाज के लिए दो लाख रुपये तक नकद लेनदेन की छूट पर केंद्र सहमत

कोरोना संक्रमण का इलाज कराने वाले मरीजों को दो लाख रुपये तक नकद लेनदेन की छूट देने के सुझाव को केंद्र सरकार ने सही बताया। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि इस संबंध में निर्देश लेकर अदालत को अवगत कराएं। आयकर अधिनियम की धारा 269-एसटी को निलंबित करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता मनीषा गुप्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन पुरी के माध्यम यह मामला उठाया। यह नियम चेक, ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के अलावा दो लाख रुपये या उससे अधिक की राशि प्राप्त करने पर रोक लगाता है। मनीषा ने अपनी दलील में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन पर लगे प्रतिबंध को हटाना चाहिए। उन्होंने दलील दी कि इसके कारण अस्पतालों में मरीजों के इलाज में समस्या आ रही है। उन्होंने कहा कि इस नियम के चलते अस्पताल मरीजों से कैश लेने से इन्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से पीड़ित मरीज को नकद भुगतान करने की सुविधा नहीं दी गई तो यह उसके जीवन के अधिकार का उल्लंघन होगा।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण लोगों को बेड मिल पाना मुश्किल हो रहा है। दरअसल देश में अधिकतर निजी अस्पताल अब दो लाख या उससे ज्यादा का कैश पेमेंट लेने इनकार कर रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है उनको समस्या आ रही है।

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