सुप्रीम कोर्ट ने कहा, किसानों को प्रदर्शन का अधिकार है, पर सड़क नहीं रोकी जा सकती
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन इस तरह सड़क नहीं रोकी जा सकती। कोर्ट ने किसान यूनियनों को जवाब दाखिल करने को कहा है और अगली सुनवाई तक का समय दिया है। अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी।
नई दिल्ली, माला दीक्षित। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को किसान आंदोलन के चलते सड़क बंद के मामले पर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन सड़क नहीं रोकनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने किसान यूनियनों को जवाब दाखिल करने को कहा है।
किसान आंदोलन के चलते सड़क बंद होने का मामला। सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन इस तरह सड़क नहीं रोकी जा सकती। कोर्ट ने किसान यूनियनो को जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए मामले को 7 दिसंबर को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।@JagranNews— Mala Dixit (@mdixitjagran) October 21, 2021
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए किसानों से कहा कि विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन इस तरह सड़क नहीं रोकी जा सकती। कोर्ट ने किसान यूनियनों को जवाब दाखिल करने को कहा है और अगली सुनवाई तक का समय दिया है। अगली सुनवाई सात दिसंबर को होगी।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि रास्ता किसान प्रदर्शनकारियों ने नहीं रोका है, बल्कि पुलिस ने इन बैरिकेड के जरिये लोगों की आवाजाही रोकी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किसान आंदोलन को लेकर नाराजगी जता चुका है, जिसके चलते दिल्ली बार्डर के कई रास्ते बंद हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली बार्डर पर प्रदर्शन को लेकर किसान संगठनों से पूछा था कि जब मामला अदालत में है, तब किसान प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।
बता दें कि यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत तमाम राज्यों के किसान केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। 27 नवंबर से दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसानों का कहना है कि जब तक तीनों केंद्रीय कृषि कानून पूरी तरह से वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे।