उत्तर प्रदेश और असम में दो बच्चे वालों को ही मिलेगी सरकारी सुविधाएं, कानून बनाने में जुटी राज्य सरकारें

उत्तर प्रदेश विधि आयोग प्रस्तावित कानून का मसौदा बना रहा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है। इसके तहत बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:41 AM (IST)
उत्तर प्रदेश और असम में दो बच्चे वालों को ही मिलेगी सरकारी सुविधाएं, कानून बनाने में जुटी राज्य सरकारें
सरकारी सुविधाओं को जनसंख्या नियंत्रण से जोड़ने पर किया जा रहा विचार।

नई दिल्ली, जेएनएन। हम दो, हमारे दो। बच्चे दो ही अच्छे। ऐसी सोच रखने वालों के लिए उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में जिंदगी की राह आसान होगी। सरकारी योजनाओं का लाभ अब उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जो दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने भी शनिवार को कहा कि राज्य सरकार कुछ विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी। यह काम क्रमवार तरीके से किया जाएगा।

संवाददाताओं से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति को लागू नहीं कर सकते। जैसे-स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता। लेकिन, यदि राज्य सरकार की ओर से कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है। आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जाएगा।

Be it loan waiver or other govt schemes, population norms will be taken into account. It won't be applicable to tea garden workers/SC-ST community. In future, population norms will be taken into account as eligibility for govt benefits. Population policy has begun: Assam CM(18.6) pic.twitter.com/ChDy7iAOC5

— ANI (@ANI) June 20, 2021

उत्तर प्रदेश विधि आयोग फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य ¨बदुओं पर अध्ययन कर रहा है। जल्द वह अपना प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार को सौंपेगा। राज्य में बीते चार वर्षो के दौरान उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम व उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम समेत कई नए कानून लागू किए गए हैं। कई अहम कानूनों में बदलाव की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है। इसी कड़ी में विधि आयोग ने अब जनसंख्या नियंत्रण के बड़े मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है। इसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनके दो या दो से कम बच्चे हैं।

सूबे में इस कानून के दायरे में अभिभावकों को किस समय सीमा के तहत लाया जाएगा और उनके लिए सरकारी सुविधाओं के अलावा सरकारी नौकरी में क्या व्यवस्था होगी, ऐसे कई ¨बदु भी बेहद अहम होंगे। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है। बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न ¨बदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।

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